जयपुर। प्रदेश में जवाबदेही कानून लागू करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन कर रहे सिविल सोसाइटी के कार्यकर्ताओं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से विधानसभा के इसी मौजूदा सत्र में जवाबदेही कानून पारित करवाने की मांग पर अड़े हैं। सिविल सोसाइटी से जुड़ी कविता श्रीवास्तव और अरुणा रॉय ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि जवाबदेही कानून को लागू करने का वादा कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के अपने घोषणा पत्र में भी किया था।
सरकार बनने के बाद में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी और कमेटी ने अपनी रिपोर्ट भी फरवरी 2020 को सौंप दी। लेकिन 2 साल के बाद भी जवाब देही कानून की रिपोर्ट ठंडे बस्ते में पड़ी है, उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही।
उन्होंने कहा कि सिविल सोसायटी के लोगों ने सरकार पर दबाव बनाया तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2022 के बजट में भी फिर से जवाब देही कानून लागू करने की घोषणा की थी। लेकिन अब इस घोषणा पर कोई अमल नहीं हो रहा है उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस बिल को टालने का अब कोई समय नहीं है।
ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द इसी सत्र में जवाबदेही कानून लाकर उसे पारित करवाना चाहिए जिससे कि लोगों को जवाब देही कानून का लाभ मिल सके और अधिकारियों कर्मचारियों की मनमर्जी पर लगाम लग सके।
सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि जवाब देही कानून लागू करने को लेकर हम कई जिलों में यात्राएं निकाल चुके हैं। शहीद स्मारक पर भी लगातार धरना चल रहा है शुक्रवार को भी शहीद स्मारक पर इसे लेकर संवाद करेंगे।