राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले देव दर्शन यात्रा की तैयारी में गहलोत सरकार

Sameer Ur Rehman
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विधानसभा चुनाव से पहले देव दर्शन यात्रा की तैयारी में गहलोत सरकार

जयपुर। प्रदेश में सवा साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बहुसंख्यक वोटों को साधने और बीजेपी के तुष्टिकरण के आरोपों को जवाब देने के लिए गहलोत सरकार जल्द ही देव दर्शन यात्रा की तैयारी में है। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो विधानसभा सत्र के बाद राज्य की गहलोत सरकार देवों के द्वार जाएगी, जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सरकार के मंत्री और संगठन के लोग भी देवों के द्वार पहुंचेंगे।

देव दर्शन यात्रा को लेकर सरकार में उच्च स्तर पर रोडमैप भी तैयार किया जा रहा है। जल्द ही इस रोड मैप को फाइनल रूप देकर इसे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंपा जाएगा। देव दर्शन यात्रा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक माह के भीतर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धार्मिक मेलों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन को सुरक्षा को लेकर दो बार धर्मगुरूओं और मंदिर प्रबंधकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ओपन संवाद कर चुके हैं। 

 सरकार से जुड़े विश्वस्त सूत्रों की माने तो प्रदेश के एक दर्जन से ज्यादा प्रमुख धार्मिक स्थलों का दौरा करने और वहां पर आमजन से संवाद करने का रोड मैप तैयार हो रहा है। बताया जाता है कि जिन प्रभुख धार्मिक स्थलों का रोडमैप तैयार हो रहा है उनमें आदिवासी अंचल के बेणेश्वर धाम, त्रिपुरा सुंदरी, शेखावाटी अंचल के खाटू श्याम जी, सालासर धाम, जयपुर के गोविंद देव जी मंदिर, अजमेर की ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह, पुष्कर धाम, राजसमंद के नाथद्वारा, चित्तौड़ के सांवलिया सेठ, करौली की कैला माता जैसे धार्मिक स्थल का दौरा कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में जहां पोकरण के रामदेवरा मंदिर दर्शन करने पहुंचे थे तो इससे पहले तिजारा के जैन मंदिर, चूरू के सालासर धाम, नाथद्वारा और अजमेर दरगाह उर्स में भी जियारत कर चुके हैं। वहीं मई माह में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ आदिवासियों के प्रमुख धाम बेणेश्वर धाम के भी दर्शन करके वहां पर जनसभा भी कर चुके हैं।

देवस्थान विभाग के जरिए भी हुए कई आयोजन 

प्रदेश के बहु संख्यक वोटों को रिझाने के लिए सरकार के देवस्थान विभाग की ओर से भी बीते 3 महीनों में कई धार्मिक आयोजन करवाए गए हैं जिनमें पहली बार जयपुर में भागवत कथा सप्ताह का आयोजन किया गया था। जिसमें सरकार के कई मंत्रियों ने कलश यात्रा निकाली थी।

इसके अलावा सावन में मंदिरों में रुद्राभिषेक किया गया था तो सरकार के मंत्रियों की ओर से कावड़ यात्रा भी निकाली गई थी। गहलोत सरकार के अधिकांश मंत्री उसमें शामिल हुए थे। इससे साफ है कि गहलोत सरकार और संगठन की नजर प्रदेश के बहुसंख्यक वोटों पर हैं।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/