जयपुर/ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के कार्यवाहक डीजी हेमंत प्रियदर्शी द्वारा भ्रष्टाचारियों के फोटो और नाम नहीं छापने के विवादित आर्डर को लेकर अब राजनीति गरमाने लगी है और विपक्ष के साथ-साथ गहलोत सरकार के मंत्री ही अपने ही मुख्यमंत्री को घेरने लगे हैं और इस आदेश का विरोध करने लगे हैं इसे यूं कहें तो अतिशयोक्ति नहीं होगी । इस आदेश को लेकर अब के मंत्री और मंत्रियों में तकरार शुरू हो गई है।
इस आदेश को लेकर गहलोत सरकार के खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने तीखे और तेवर वाले शब्दों में कहा कि मेरा यह मानना है कि डीजी ने भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो का चार्ज लेते ही जो आदेश निकाला वह आदेश रिजेक्ट होने वाला ही है।
मैं उस आदेश से सहमत नहीं हूं और कोई भी इस कांग्रेस का विधायक मंत्री इस तरह की कार्य का समर्थन नहीं करेगा खाचरियावास ने कहा कि सरकार इस तरह के आदेश के साथ नहीं है यह बिल्कुल गलत है हम ऐसा कोई काम नहीं करेंगे ।
जिससे हमारे पूरे किए हुए काम पर पानी फिर जाए। खाचरियावास ने कहा कि इस देश में आयकर विभाग जीएसटी की कार्यवाही होती है तब बड़े-बड़े व्यापारियों को टैक्स देते हैं उनके फोटो उनके नाम भी मीडिया में प्रकाशित होते हैं यदि किसी आईएएस और आईपीएस एडीजी ने यह आदेश निकाला तो वह हमारे आदेश से बंधे हुए हैं हम उनके आदेश से बंधे हुए नहीं हैं।