धरियावद के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप
ग्रामीण लोग चिकित्सा व शिक्षा में पिछड़ेपन का झेल रहे दंश
जयपुर। आदिवासी क्षेत्र धरियावद में विकास कार्यो में अनदेखी और सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए राजस्थान प्रदेश किसान एवं खेत मजदूर कांग्रेस महासचिव एवं आदिवासी विकास मंच के अध्यक्ष विशेष कुमार मीणा ने सोमवार को यहां राजभवन में राज्यपाल कल्याण सिंह को ज्ञापन देकर हस्तक्षेप की गुहार लगाई है।

मीणा ने कहा है कि प्रदेश में धरियावद में लोग दयनीय जीवन जीने को मजबूर है। चिकित्सा सुविधा नही होने के कारण लोगों बड़ी परेशानी का सामान करना पड़ता है। जहां सरकारी अस्पताल है वहां पर स्टॉफ नहीं है और जहां अस्पताल है वहां सुविधा नहीं है। ए बुलेंस नहीं होने की वजह से बिमार व्यक्ति को परिजन अपने कंधों पर ले जाते है। शैक्षिक दृष्टïी से भी क्षेत्र बहुत पिछड़ा हुआ है। किसानों को फसल उत्पादन के लिए मंडी नही है। उन्होंने धरियावद के किसानों का ऋण माफ करवाने का आग्रह किया है।
मीणा ने कहा कि प्रशासनिक स्तर पर सुनवाई नहीं होने और क्षेत्र का विकास नहीं होने की वजह से राज्यपाल से दखल का आग्रह किया है। ाास बात ये है कि जनजाति विकास मंत्री भी नंदलाल मीणा है लेकिन उनके गृह जिले प्रतापगढ़ के धरियावद में लोग मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रहे है।
ये है धरियावद क्षेत्र की प्रमुख मांग
आदिवासी क्षेत्र में कृषि मंडी नहीं होने की वजह से किसान परेशान होते है। कृषि जिंसों को औने पौने दामों पर बेचने को मजबूर रहे है। ऐसे में धरियावद में कृषि मंडी खुलवाएं।
धरियावद को नरपालिका बनाया जाए। लसाडिय़ा पंचायत समिति में सरकारी महाविद्यालय नहीं होने से छात्रों को पढ़ाई छोडऩी पड़ती है। गरीब छात्रों को शिक्षा दिलानेके लिए महाविद्यालय खोला जाए।
पेयजल व सिंचाई के लिए अंबा बांध से पेयजल आपूर्ति की योजना बनाकर क्रियान्विति की जाए। वन भूमि पर निवास कर रहे किसानों को पट्टïा दिया जाए। परसोला, भभराना, जल्लारा, लसाडिय़ा में बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की खुले। महिला थानों की स्थापना पर बालिका और महिला सुरक्षा के पु ता बंदोबस्त किए जावें।