जयपुर /बदला लेने के लिए आजकल आमजन थानो मे कानून का सहारा लेने की होठ सी लगी हुई है । इससे जहां पुलिस पर काम का बोझ बढने के साथ ही समय भी खराब होता है । इस को लेकर राजस्थान पुलिस झूंठी एफआईआर दर्ज कराने वालों के विरुद्ध नियमानुसार कार्यवाही शुरू कर दी है और झुंझुनूं जिले मे अकेले 52 मामले मे से 50 मामलो मे कोर्ट ने सजा सुनाई है । इसलिए अब राजस्थान मे झूठी FIR करना पड सकता है महंगा ।
झुंझुनू शहर सर्किल के मात्र 2 थानों में झूठे मुकदमे दर्ज कराने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध पुलिस की मुहिम के सुखद नतीजे सामने आए हैं। कोर्ट ने 50 मामलों में आरोपियों को आर्थिक दंड की सजा सुनाई है। शहर सर्किल के थाना कोतवाली व सदर मे दर्ज कराए गए झूंठे मुक़दमों में पुलिस गत 3 महीनों में विशेष अभियान संचालित कर रही थी।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध डॉ रवि प्रकाश मेहरड़ा ने बताया कि शहर झुंझुनू पुलिस अधीक्षक प्रदीप मोहन शर्मा के मार्गदर्शन में वृत के सीओ शंकर लाल छाबा द्वारा झूंठे मुकदमें दर्ज करा पुलिस और कोर्ट का कीमती समय खराब कर दूसरे पक्ष को हानि पहुंचाने ओर समाज मे उनकी इज्ज़त खराब करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध थाना सदर व कोतवाली में दर्ज 52 मुकदमों को चिन्हित किया गया।
तफ्तीश में झूठे पाए गए इन प्रकरणों में धारा 182 व 211 के तहत कार्रवाई के लिए अदालत में इस्तगासे पेश किए गए। कोर्ट ने 50 मामलों में झूठे मुकदमे दर्ज करने वाले लोगों को आर्थिक दण्ड की सजा सुनाई है। दो मामले अभी अंडर ट्रायल है, जिसमें भी शीघ्र सजा सुनाए जाने की संभावना है।
एडीजी डॉ मेहरड़ा ने बताया कि पोक्सो एक्ट व गैंगरेप के 1-1, बलात्कार के 3, छेड़छाड़ के 8 और एससीएसटी एक्ट के 7 मुकदमों के अलावा 30 अन्य मुकदमों में कोर्ट द्वारा यह सजा सुनाई गई।