कृषि पर्यवेक्षक परीक्षा के पेपर बेच रहे गिरोह का खुलासा

liyaquat Ali
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जयपुर
कृषि पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर उपलब्ध कराने के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का शनिवार रात को खुलासा करते हुए एटीएस और एसओजी की संयुक्त टीम ने सात शातिरों को गिरफ्तार किया है। टीम ने गिरफ्तार ठगों से साढ़े पांच लाख रुपए, स्टाम्प, दस्तावेज और चैक बरामद किए गए है। गिरोह के जालसाजों से पूछताछ की जा रही है। भर्ती परीक्षा रविवार को आयोजित हुई थी।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि पेपर के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के शातिर सुरेन्द्र चौधरी (25) निवासी गांव हाथीपुरा किशनगढ़ रेनवाल, रामप्रसाद चौपड़ा (41) निवासी गांव निठारा शाहपुरा हाल नारायण विहार मानसरोवर, ओमप्रकाश (25) निवासी गांव रणजीतपुरा किशनमानपुरा गोविन्दगढ़, कैलाश चंद यादव (24) निवासी गांव खनीपुरा  कालाडेरा, अनिल कुमार यादव (35) निवासी गांव बलेखण गोविन्दगढ़, बन्नाराम (34) निवासी गंाव मूण्डली रणजीतपुरा रेनवाल हाल अम्बा नगर नौ दुकान कालवाड़ रोड और सुधीर कुमार चौधरी (24) निवासी गांव काजीपुरा सांभर हाल अम्बा नगर नौ दुकान कालवाड़ रोड करधनी को गिरफ्तार किया है। शनिवार रात मुखबिर की सूचना पर एसओजी और एटीएस की टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर गिरोह के सातों शातिरों को धर-दबोचा। गिरोह के कब्जे से भारी संख्या में खाली हस्ताक्षरशुदा,नाम भरे हुए चैक, खाली स्टाम्प, अभ्यर्थियों के असल दस्तावेज, छायाप्रति, ब्लू टूथ डिवाइस, प्रवेश-पत्र और 5 लाख 48 हजार रुपए बरामद किए गए है।
सात लाख में पेपर का सौदा
जयपुर और कोटा में विभिन्न परीक्षा केन्द्रों पर रविवार को लिखित परीक्षा थी। परीक्षा से पूर्व प्रश्न-पत्र मंगवालकर इच्छित अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराकर प्रश्नों और उनके उत्तरों की जानकारी देकर मैरिट में टॉप पर आ जाने और आसानी से चयनित होने का गिरोह की ओर से झांसा दिया जा रहा था। जिसके बदले प्रति अभ्यर्थी सात लाख रुपए मांग रहे थे और कुछ रकम एडवांस में ली जा रही थी। रुपए न होने या कम होने की स्थिति में अभ्यर्थी/परिजनों के खाली हस्ताक्षरशुदा,नाम भरे हुए चैक/खाली स्टाम्प/अभ्यर्थी के असल दस्तावेज अभ्यर्थियों से ले रहे थे। परीक्षा होने के बाद शेष राशि नकद भुगतान करने पर खाली हस्ताक्षरशुदा, नाम भरे हुए चैक/खाली स्टाम्प/अभ्यर्थी के असल दस्तावेज लौटा देने का आश्वासन भी दिया गया था।
पूर्व में यह परीक्षा 10 फरवरी को होनी थी, लेकिन इससे पहले ही प्रदेश में गुर्जर आंदोलन शुरू हो गया। जिसके चलते रेल और सड़क मार्ग बाधित होने के कारण अभ्यथियों ने इस परीक्षा को स्थगित करने की मांग की थी। बोर्ड के निर्णय के बाद परीक्षा को स्थगित कर 3 मार्च को आयोजित की गई।
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