जयपुर। राजस्थान में नए जिले बनाने की लगातार उठ रही मांग के बाद सरकार की ओर से नए जिलों के गठन को लेकर मसौदा तैयार करने के लिए गठित कमेटी की ओर से कामकाज शुरू हो गया है। नए जिले के गठन को लेकर कमेटी ने कवायद तेज कर दी है। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया की अध्यक्षता में गठित कमेटी लगातार जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों से संवाद करके रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। कमेटी को करीब 6 माह के भीतर गुण-अवगुण के आधार पर अपनी रिपोर्ट तैयार करके सरकार को सौंपनी है और उसके बाद सरकार नए जिलो की गठन को लेकर फैसला लेगी।
अंतिम बजट में सरकार चाहती है नए जिलों की घोषणा
विश्वस्त सूत्रों की मानें तो 5 वें और अंतिम बजट में सरकार नए जिलों की घोषणा करना चाहती है। सरकार से जुड़े सूत्रों की माने तो नए जिलों के गठन से सरकार को चुनावी लाभ की उम्मीद है, ऐसे में सरकार किसी भी कीमत पर पांचवें और अंतिम बजट में नए जिलों की घोषणा करके एक तीर से कई निशाने साधने की तैयारी में हैं। राजनीतिक प्रेक्षकों का भी मानना है कि अगर नए जिलों की घोषणा सरकार करती है तो इसका सीधा फायदा चुनावों में कांग्रेस पार्टी को हो सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी नए जिलों के गठन को लेकर कमेटी गठित कर दी थी।
13 साल से नहीं बना कोई नया जिला
दरअसल प्रदेश में 13 साल से कोई नया जिला नहीं बन पाया है। अंतिम बार जनवरी 2008 में प्रतापगढ़ आखरी जिला बना था। उसके बाद से राजस्थान में कोई नया जिला नहीं बन पाया है।
कोटपूतली-ब्यावर, बालोतरा को लंबे समय से जिला बनाने की मांग
जयपुर जिले जिले के कोटपूतली, अजमेर के ब्यावर और बाड़मेर के बालोतरा को लंबे समय से जिला बनाने की मांग चली आ रही है। इसको लेकर कई बार आंदोलन भी हो चुके हैं। हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बालोतरा को जिला बनाने की घोषणा नहीं होने से नाराज होकर कांग्रेस विधायक मदन प्रजापत ने जूते और चप्पल त्याग दिए थे और नंगे पैर ही रहने का संकल्प लिया था।
एक दर्जन कस्बों को जिला बनाने की कवायद
सूत्रों की माने तो प्रदेश में करीब एक दर्जन कस्बे ऐसे हैं जिन्हें जिला बनाने की कवायद चल रही है। इनमें ब्यावर, हिंडौन, कोटपूतली, बालोतरा, भिवाड़ी, गंगापुर सिटी, डीडवाना, निवाई, नीमकाथाना, रावतभाटा प्रमुख हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में नए जिलों की लगातार उठ रही मांग के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में नए जिलों की संभावनाओं का पता लगाने के लिए रिटायर्ड आईएएस अधिकारी राम लुभाया की अध्यक्षता में कमेटी की घोषणा की थी।
यह कमेटी 6 महीने में नए जिलों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को रिपोर्ट सौंपेंगी। कमेटी में राजस्व विभाग के प्रमुख सचिव, ग्रामीण विकास व पंचायत राज विभाग के सचिव, वित्त विभाग के स्पेशल सेक्रेट्री और गृह विभाग के संयुक्त सचिव को सदस्य बनाया गया था।