जयपुर। चुनावी साल में कर्मचारियों ने सरकार की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। विधानसभा
चुनाव से ठीक पहले अधिकारियों-कर्मचारियों के अलग-अलग संगठनों ने सरकार
के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है।कुछ संगठन जहां शक्ति प्रदर्शन के जरिए सरकार को झुकाने की कवायद में जुटे हैं, वहीं कुछ हड़ताल की चेतावनी के जरिए सरकार पर दबाव बनाने की कोशिशें कर रहे हैं।
विधानसभा चुनाव करीब आते ही प्रदेश में धरने, प्रदर्शन और रैलियों की बाढ़ सी आ गई है. खास तौर से कर्मचारी संगठन अपनी मांगों को मनवाने के लिए चुनावी साल में हड़ताल को अपना हथियार बना रहे हैं. चुनाव सिर पर हैं. ऐसे में सरकारी अधिकारियों-कर्मचारियों के डेढ़ दर्जन से ज्यादा संगठन ऐसे हैं जिन्होंने अपनी मांगों को लेकर या तो सरकार के खिलाफ ताल ठोक रखी है या फिर आन्दोलन की तैयारी में जुटे हैं।
ये संगठन है मैदान में
– राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ.
– राजस्थान पंचायतीराज सेवा परिषद् (विकास अधिकारी, पंचायत प्रसार
अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी)
– रोडवेज के श्रमिक संगठनों का संयुक्त मोर्चा.
– जेसीटीएसएल एम्प्लॉइज यूनियन
– राजस्थान राजस्व सेवा परिषद् (पटवारी, गिरदावर, नायब तहसीलदार, तहसीलदार)
– अखिल राज. राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत).
– राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद्.
– राजस्थान राज्य अन्य प्रशासनिक सेवा परिसंघ (17 विभागों के अधिकारी शामिल)
– राजस्थान परिवहन निरीक्षक संघ.
– यूनाइटेड फोरम ऑफ कॉपरेटिव बैंक यूनियन्स
– अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सक संघ