Jaipur News । प्रदेश में तेरह फरवरी, 2019 को अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण का कानून लागू होने के बाद अब तक विभिन्न विभागों में 2191 पदों पर एमबीसी वर्ग की जातियों के युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली है। भविष्य में होने वाली भर्तियों में भी एमबीसी के लिए 1409 अतिरिक्त पद सृजित कर आरक्षित किए गए हैं।
राज्य सरकार ने नई भर्ती विज्ञप्तियों के साथ-साथ पूर्व में विज्ञापित हो चुकी प्रक्रियाधीन भर्तियों में भी गुर्जरों सहित अन्य एमबीसी वर्ग की जातियों को 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया है। इसके चलते आरएएस परीक्षा 2016 में इस वर्ग के 26 अतिरिक्त अभ्यर्थियों का चयन किया गया एवं आरएएस परीक्षा 2018 में 22 अतिरिक्त अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। वर्ष 2008 में तत्कालीन बीजेपी सरकार ने एमबीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए बिल तो पारित किया, परन्तु राज्यपाल द्वारा उस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे। इसके पश्चात कांग्रेस सरकार द्वारा पुरजोर प्रयास करने पर वर्ष 2009 में कानून लागू हुआ।
राज्य सरकार ने अति पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए और 13 फरवरी, 2019 को 5 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लागू करते समय प्रक्रियाधीन सभी भर्तियों में इसका लाभ दिया। यहां तक कि जिन भर्तियों के लिए परीक्षा परिणाम आ चुका था, लेकिन नियुक्तियां नहीं दी गई थीं, उन भर्तियों में भी अतिरिक्त पद सृजित कर आरक्षण का लाभ दिया गया।
हालांकि राज्य सरकार ने स्पष्ट किया कि अति पिछ़डा वर्ग को नर्सिंग भर्ती परीक्षा-2013 एवं रीट परीक्षा-2018 में 5 प्रतिशत आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सका। इसका कारण है कि इन दोनों परीक्षाओं की प्रक्रिया में नियुक्ति आदेश 5 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना जारी होने से पहले जारी हो चुके थे। उस समय भर्तियों में अति पिछ़डा वर्ग को 1 प्रतिशत आरक्षण देने का ही प्रावधान था। नर्सिंग भर्ती परीक्षा-2013 की विज्ञप्ति एवं परिणाम जारी होने के समय 1 प्रतिशत आरक्षण का ही प्रावधान था।
वर्तमान में एएनएम भर्ती 2018 भी संपन्न हो चुकी है। इस कारण से इन भर्तियों में 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद सृजित नहीं किए जा सके। रीट-2018 लेवल प्रथम के तहत भी जिला परिषदों ने नियुक्ति आदेश 5 प्रतिशत आरक्षण की अधिसूचना जारी होने के पहले ही जारी किए। इसलिए रीट-2018 में भी अब 4 प्रतिशत अतिरिक्त पद सृजित करने में विधिक अड़चन है।