जयपुर । राज्य के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर जी यह क्या हो गया आपने तो कहा था की बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग में तबादले नहीं होंगे चाहे सरकार तबादलों से बेन हटा ले लेकिन शिक्षा विभाग में किसी भी सूरत में तबादले नहीं करेंगे परंतु यह क्या हो गया मंत्री जी बोर्ड के मुखिया का ही तबादला हो गया और तो और डूंगरपुर में एक प्रिंसिपल का तबादला कर दिया क्या अब परीक्षाएं प्रभावित नहीं होगी ?
जी हां ऐसे ही कुछ जुलमे में खुसर फसर काना- फुंसी और कटाक्ष तथा विरोध प्रदेश में शिक्षा विभाग के नेताओं अधिकारियों कर्मचारी और यहां तक की सत्ता पक्ष के मंत्री विधायक तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले कार्मिकों में चल रहा है।
राजस्थान में सरकार ने 10 फरवरी से 22 फरवरी तक तबादलों से रोक हटाई थी। उस समय प्रदेश के शिक्षा मंत्री और पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट कहा और अपने घर के बाहर एक नोटिस चस्पा करा दिया कि शिक्षा विभाग के कोई भी अधिकारी और कार्मिक अभी बोर्ड की परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए तबादले नहीं किए जाएंगे।
तबादलो से रोक हटने के बाद प्रदेश में सभी विभागों में यहां तक मंत्री दिलावर के पंचायती राज विभाग में भी जमकर तबादले हुए लेकिन शिक्षा विभाग इससे अछूता रहा और मंत्री दिलावर ने बोर्ड की परीक्षाओं का हवाला दिया था।
लेकिन आश्चर्य की बात है कि बोर्ड की परीक्षाएं 29 फरवरी से शुरू हो रही है और बोर्ड परीक्षाओं को आयोजित कराने वाले राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव जो की सर्वोच्च पद और मुखिया माना जाता है और वर्तमान में इस पद पर मेघना चौधरी नियुक्त थी उनको सरकार ने बीती रात को निकाली आरएएस अधिकारियों की जंबो जेट सूची में बोर्ड सचिव मेघना चौधरी का तबादला कर दिया ।
आज से ठीक छठे दिन बाद शुरू होने वाली बोर्ड की परीक्षाओं में दसवीं और बारहवीं बोर्ड की परीक्षाओं में प्रदेश से करीब 20 लाख से अधिक विद्यार्थी परीक्षा देंगे और यह परीक्षाएं बोर्ड द्वारा आयोजित की जाती है। इस बोर्ड परीक्षा में सचिव की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
प्रश्न पत्र बनाने, छपवाने, परीक्षा केदो तक पहुंचाने, परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं को बोर्ड कार्यालय मंगवाने और परिणाम जारी करने में बोर्ड सचिव ही केंद्र बिंदु होता है और उसकी प्रमुख भूमिका होती है और वर्तमान में तो माध्यमिक शिक्षा बोर्ड मैं स्थाई अध्यक्ष का पद भी खाली होने से बोर्ड के सचिव की जिम्मेदारी और उत्तरदायित्व बहुत अधिक है।
ऐसे हालत में बोर्ड सचिव मेघना चौधरी का तबादला किया गया है। इसी को लेकर आज दिन भर से प्रदेश में शिक्षा विभाग सहित विधायक , मंत्रियों और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबंध रखने वाले शिक्षा विभाग के कार्मिकों में यह कुसूर कुसूर और चर्चा चल रही है कि क्या अब बोर्ड परीक्षाएं प्रभावित नहीं होगी?
चर्चा तो यह भी है कि पिछले वसुंधरा राजे के शासनकाल में शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी के समय में भी बोर्ड परीक्षाओं के दौरान तबादले हुए थे तब भी परीक्षाएं प्रभावित नहीं हुई थी आखिर अब क्यों ? चर्चा तो यह भी है कि मंत्री दिलावर का यह निर्णय से भाजपा को लोकसभा चुनाव में कहीं नुकसान ना उठाना पड़ जाए ? क्योंकि अब शिक्षा विभाग में तबादले मई जून से पहले नहीं होंगे और तब तक लोकसभा चुनाव संपन्न हो जाएंगे।