जयपुर/ राजस्थान मे शिक्षा विभाग में पिछला 4 सालों से तबादलो का इंतजार कर रहे करीब 2.25 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षको को करारा झटका लगा जब तबादला नीति को नकारते हुए फाइल लौटा दी गई है । तबादले नहीं होने से परेशान तृतीय श्रेणी शिक्षकों के संघ ने सरकार को चेतावनी देते हुए आर पार की लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है।
शिक्षकों के तबादलो को लेकर नीति बनाने के लिए सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी ओंकार सिंह के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था इस कमेटी में देश के अन्य प्रदेशों का दौरा कर वहां शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया और नीति के बारे में फीडबैक लेते हुए अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी ।
उधर दूसरी ओर शिक्षा मंत्री डॉक्टर बी डी कल्ला के अनुसार तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादलों को लेकर तैयार की गई नीति को मंथन और स्वीकृति के लिए फाइल हमने कार्मिक विभाग में भेजी थी लेकिन कार्मिक विभाग ने फाइल स्वीकृति नहीं देते हुए इस नीति में संशोधन का सुझाव देकर लौटा दी हैं।
ऐसे में अब एक बार फिर से तबादला नीति बनाने के लिए कमेटी देश के कुछ और राज्यों का दौरा करेगी और वहां की तबादला नीति का अध्ययन कर अपनी स्थिति और जो कमियां कार्मिक विभाग ने निकाली थी उसे पूरा कर असम पहलुओं का अध्ययन कर हम अपनी नई नीति में बदलाव करेंगे और उसके आधार पर ही तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे।
विदित है की पिछले 4 सालों से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं हुए हैं और अब तक पिछले 12 सालों में तृतीय श्रेणी शिक्षकों के दो बार तबादले हुए हैं सन 2010 में तत्कालीन गहलोत की कांग्रेस सरकार ने की और उसके बाद 2018 में भाजपा की वसुंधरा राज्य सरकार ने तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले किए थे ।
लेकिन उसके बाद अभी तक नहीं हुए हैं जबकि कांग्रेसमें 4 साल पहले चुनाव से पूर्व अपने भाषण में कहा था कि हम सत्ता में आने पर तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले करेंगे लेकिन 4 साल बीत गए और पिछले साल अगस्त माह में विभाग ने शाला दर्पण के माध्यम से तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले के आवेदन मांगे थे और प्रदेश में 2.25 लाख तृतीय श्रेणी शिक्षकों मे से करीब 85 हजार से अधिक तृतीय श्रेणी शिक्षकों ने तबादलों के लिए आवेदन किया था लेकिन वह सब की टोकरी में चले गए।
इधर तबादले नहीं होने से परेशान राजस्थान शिक्षक संघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गिर्राज शर्मा ने ऐलान किया कि अगर शीघ्र ही सरकार ने पुरानी तबादला नीति के तहत तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं किए तो प्रदेश भर में तृतीय श्रेणी शिक्षक सरकार के खिलाफ आंदोलन कर आर-पार की लड़ाई लड़ेगा ।