जयपुर। डॉ भीमराव अंबेडकर एससी एसटी ओबीसी वर्ग के उत्थान का सपना अब तक अधुरा है इनके उत्थान हेतु संवैधानिक अधिकारों की व्यवस्था की आजादी के 71 वर्ष बाद भी इन जातियों को सामाजिक आर्थिक व शैक्षणिक अधिकार व शैक्षणिक अधिकार पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं हुआ है यह विचार सेवानिवृत्त आईएएस एवं पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव व पूर्व राज्य चुनाव आयुक्त राजस्थान सरकार ने राजस्थान विश्वविद्यालय स्थित अरावली छात्रावास मैं आयोजित अनुसूचित जाति एवं एवं जनजातियों के संवैधानिक एवं व्यवहारिक पक्ष विषय पर विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए दिए।
उन्होंने व्यवस्था परिवर्तन हेतु सामर्थ्य प्राप्त करनी होगी जो शिक्षा संगठन संघर्ष से ही हासिल होगा।
सत्ता में दलितों की प्रभावी भागीदारी अधिकारों की प्राप्ति नहीं होगी। उन्होंने आह्वान किया कि अभी वंचित वर्गों को संवैधानिक अधिकारों की प्राप्ति हेतु महात्मा ज्योतिबा फुले अंबेडकर के मार्ग पर चलते हुए एकजुट होकर संघर्ष करने हेतु सामाजिक जन चेतना का व्यापक कार्यक्रम हाथ में लेना होगा।
मुख्य वक्ता उदय चंद बारूपाल पूर्व जिला एवं सेशन न्यायाधीश ने कहा की समाज में आरे वर्तमान बदलाव को समझने और सीखने की जरूरत है जैसे-जैसे आधुनिकता बढ़ रही है वैसे हमें भी तैयार रहना है क्योंकि साइबर क्राइम इतने बढ़ रहे हैं हमें सचेत रहने की जरूरत है जो भी सूचनाएं आदान प्रदान करें उसकी पुख्ता जानकारी आपके पास होनी चाहिए जिससे आपको कोई चैलेंज नहीं करें उसके लिए हमें अध्ययन करने की आवश्यकता है।
शिक्षा ही वास्तविक पूंजी है इसको बढ़ाने के लिए समय की आवश्यकता है।उन्होंने युवाओं से आह्वान करते हुए कहा कि शिक्षा ही हमें अपने मूल अधिकारों को प्राप्ति ओर ले जाने का मार्ग है।अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के कुलसचिव केसर लाल मीना ने कहां की विश्वविद्यालय में छात्र-छात्राओं को कोई भी नहीं आएगी उसका समाधान तुरंत प्रभाव से किया जाएगा जिससे अध्ययन में कोई बाधा नहीं आएगी। व्याख्यान के दौरान प्रोफेसर सुमन सुमन मौर्य एवं छात्रसंघ अध्यक्ष विनोद जाखड़ एवं आवास अधिकारी डॉ करतार सिंह सहित ने अपने विचार व्यक्त किए ।
विचार गोष्ठी की शुरुआत भारत रतन बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के पुष्पांजलि अर्पित कर शुरुआत की और समारोह के अंत में एवं छात्रावास में आयोजित की गई पूर्व में निबंध प्रतियोगिता एवं वाद विवाद प्रतियोगिता मैं प्रथम द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर नकद राशि देकर पुरस्कृत किया गया उसके बाद परिसर में पौधारोपण किया गया।