यूक्रेन से लौटे विद्यार्थियों की डाॅक्टर की पढाई नही रहेगी अधूरी,यह विश्वविद्यालय कराऐंगे पढाई

Dr. CHETAN THATHERA
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जयपुर/ यूक्रेन और रूस के बीच चल रहे युद्ध के कारण वहां विश्वविद्यालयो मे डाॅक्टर की पढाई कर रहे भारतीय व राजस्थानी विद्यार्थी बीच मे पढाई अधूरी छोड जान बचाकर स्वदेश लौट आए है अर्थात सरकार उनको पुनः भारत लेकर आ गई है । अब इन विद्यार्थियों की अधूरी पढ़ाई अन्य विश्वविद्यालयो मे होगी । तथा राजस्थान के विद्यार्थियों की अधूरी पढाई राजस्थान सरकार की पहल से यूएई,पौलेंड , इग्लैंड व जर्मनी के मेडिकल कालेजो मे होगी यहां से प्रस्ताव मिला है और औपचारिकता पूरी होते ही इनकी पढाई फिर शुरू हो जाएगी । जर्मनी इग्लैंड और नाटो देशो से बातचीत चल रही है ।

यूएई और पोलैंड से मिला प्रस्ताव केंद्र सरकार और मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के पास विचाराधीन है। इनको जल्द ही हरी झंडी मिलने की उम्मीद है। प्राप्त जानकारी के अनुसार देशभर में 18 हजार छात्र हैं, जो यूक्रेन से मेडिकल की पढ़ाई अधूरी छोड़कर लौटे हैं। इनमें राजस्थान के छात्रों की संख्या लगभग एक हजार । इन छात्रों की पढ़ाई पूरी कराने की पहल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य है।

यूक्रेन से लौटे छात्रों काे यूएई, पोलैंड और नाटो के सदस्य देशों स्थित मेडिकल कॉलेजों में खाली सीट्स पर प्रवेश दिलाया जाएगा। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद फीस और अन्य मसलों पर चर्चा की जाएगी। राजस्थान फाउंडेशन एक वेबसाइट तैयार कर रहा है, जिसके माध्यम से 140 देशों में पढ़ रहे राजस्थान के छात्र, अभिभावक और सरकार एक बटन दबाकर एक-दूसरे से संपर्क कर सकते हैं।मेडिकल कॉलेज की स्थिति व कहां कितना खर्च राजस्थान में 26 सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें 4705 एमबीबीएस सीटें हैं।

हर साल राजस्थान से 1.16 लाख विद्यार्थी नीट यूजी प्रवेश परीक्षा देते हैं। प्रवेश सिर्फ 4% को ही मिल पाता है। देशभर से नीट यूजी में 1.61 लाख छात्र बैठते हैं। भारत में 541 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 278 सरकारी तथा 263 निजी हैं।सरकारी मेडिकल कॉलेज में 5 साल में ~3.10 लाख खर्च हाेते हैं, वहीं प्राइवेट मेडिकल काॅलेजों में सामान्य सीट पर खर्चा 1.10 करोड़ होता है। मैनेजमेंट काेटे में 1 .46 करोड़ लगते हैं।

वहीं, यूक्रेन व अन्य देशों में कुल फीस 20 से 35 लाख रुपए तक है। 2021 में विदेश से एमबीबीएस की डिग्री लाने वाले विद्यार्थियों में से 28,597 ने राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड की परीक्षा एफएमजीई दी। 7375 विद्यार्थी (26%) पास हुए। वहीं, 2020 में 35,774 ने यह परीक्षा दी। इसमें से 5,897 विद्यार्थी (16%) पास हुए। साल 2015 से 2018 में 61,708 बच्चों में से 8,739 (14%) ही पास हो पाए।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम