जयपुर । प्रदेश भाजपा में अशोक परनामी को प्रदेशाध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद नए अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने के कारण संगठन के कार्य गति नहीं पकड पा रहें हैं। राज्य में विधानसभा चुनाव में सात माह का समय शेष है।,लेकिन सत्तारूढ दल की अभी तक सभी पोलिंग बूथ पर कार्यकारिणी नहीं बन पाई है। परनामी के पद से हटने के बाद बूथ कार्यकारिणी एवं पन्ना प्रमुख बनाने का काम धीमा पड गया है।
इसके अलावा प्रदेश में राजनीतिक हालात पर नजर रखने और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा के लिए बनाई गए मंत्री समूह की बैठकें भी बंद हो गई है। यह बैठक सप्ताह में दो बार होती थी। इधर, कांग्रेस नेताओं की ओर से की जा रही बयानबाजी का पलटवार करने के लिए प्रतिदिन होने वाली प्रेसवार्ता भी बंद हो गई है। परनामी के हटने के अगले दिन से कोई भी मंत्री प्रेस के सामने नहीं आया। साथ ही संगठनात्मक रूप से होने वाली बैठकें भी अब लगभग बंद हो गई है।
प्रदेशाध्यक्ष के बिना जो सबसे ज्यादा कार्य प्रभावित हुआ है वह है बूथ कमेटी और पन्ना प्रमुख बनाए जाने का कार्य। पहले बूथ कमेटी और पन्ना प्रमुखों के लिए परनामी नियमित रूप से जिलाध्यक्षों और भाजपा पदाधिकारियों से चर्चा करते थे किन्तु उनके बाद अब यह काम लगभग बंद हो गया है। हालांकि संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर संगठन के कार्य देख रहें हैं किन्तु प्रदेशाध्यक्ष नहीं होने के कारण संगठन के कार्यों में तेजी नहीं आ रही है। नए प्रदेशाध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने से अब भाजपा मुख्यालय में कार्यकर्ताओं की आवाजाही भी कम हो गई है। सभी फिलहाल नए प्रदेशाध्यक्ष की घोषणा का इंतजार कर रहें हैं।
गौरतलब है कि भाजपा को प्रत्येक बूथ पर 21 कार्यकर्ताओं की कार्यकारिणी और वोटर लिस्ट के अनुसार पन्ना प्रमुख बनाने है। एक बूथ पर 900 से 1200 वोटर होते है। वोटर लिस्ट के एक पेज पर 60 वोटर होते है, ऐसे में बूथ कार्यकारिणी और पन्ना प्रमुख बनाने के लिए 35 से 40 कार्यकर्ताओं को तैयार करना पड रहा है। प्रदेशाध्यक्ष जाने के बाद मंडल के पदाधिकारियों ने भी इन पर ध्यान देना कम कर दिया है।
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