विधानसभा में दिग्गजों की धाक, नए विधायक रहे ​फिसडडी

 

जयपुर।  14 वीं विधानसभा में विधायकों के प्रदर्शन पर नजर डाले तो युवा विधायक फिसडडी ही साबित हुए हैं वहीं पुराने नेता एक बार फिर सदन के सितारे बने नजर आए है।
बीजेपी व कांग्रेस के युवा चेहरों को विधानसभा में चुनकर भेजा था, वो अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतर पाए। अधिकांश युवा विधायकों के टिकटों पर मंडरा रहे खतरे से उनके दुबारा टिकट लेने के मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
अधिकांश युवा चेहरे टाइम पास विधायक साबित हुए। इनमें कामिनी जिंदल, सिद्धि कुमारी, बच्चू सिंह, विजय सिंह चौधरी, अमृता मेघवाल, सुरेश धाकड़ और कांग्रेस के युवा चेहरे अशोक चांदना शामिल हैं। विधायक धीरज गुर्जर ने मुद्दे तो उठाए लेकिन उनमें निरंतरता का अभाव दिखा। नई पीढ़ी के रूप में नोहर विधायक अभिषेक मटोरिया, कोलायत के भंवर सिंह भाटी सदन में अपनी पहचान बनाने में कामयाब रहे।
इन पांच सालों में पुराने नेताओं ने जलवा बरकरार रखा तथा इनकी सदन में उपस्थिति और उनकी बुलंद आवाज निरंतर गूंजती रही है। सांगानेर विधायक घनश्याम तिवाड़ी पहली बार सीकर से चुनाव जीतकर सदन में आए थे, पहले ही कार्यकाल में तिवाड़ी ने विधानसभा में डिबेट्स में जबर्दस्त छाप छोड़ी।
कोटा उत्तर से विधायक प्रहलाद गुंजल अमूमन अपने बयानों को लेकर विवादों में भले ही रहे हो, लेकिन सदन में इनका जोरदार प्रदर्शन रहा। शाहपुरा से विधायक राव राजेन्द्र सिंह विधानसभा उपाध्यक्ष बनने से पहले सदन में हमेशा सक्रिय रहे और विधानसभा उपाध्यक्ष के रूप में उन्होंने अमिट छाप छोड़ी।