
Jaipur News । राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की सिफारिश पर आज राज्यपाल ने राजस्थान लोक सेवा आरोग (आरपीएससी ) मे चैयरमेन के साथ ही 4 अन्य सद्स्रो को नियुक्त किया है । चैयरमेन तो वरिष्ठ आईपीएस व आज ही सेवानिवृत्त हुए डीजीपी डाॅ भूपेन्द्र सिंह यादव है तो सदस्य मे सबसे चौकाने वाला नाम हिन्दी को व्याख्याता मंजू शर्मा का है जो देश के सुविख्यात कवि कुमार विश्वास की पत्नी का है । इसके अलावा आईएएस निरजंन आर्य चच पत्नी डाॅ संजीता आर्य , बाबूलाल कटारा टीएडी मे उपनिदेशक है और पत्रकार जसवंत राठी है।
मौजूदा अध्यक्ष दीपक उप्रेती की उम्र 62 वर्ष हो जाने पर उप्रेती का कार्यकाल 14 अक्टूबर को ही समाप्त हो गया। सरकार ने आयोग के अध्यक्ष के पद पर सुबह भूपेन्द्र यादव की नियुक्ति का आदेश जारी किया तो थोड़ी ही देर बाद चार सदस्यों की नियुक्ति भी कर दी गई। इस तरह आठ सदस्यों वाले आयोग में अध्यक्ष और चार सदस्यों की नियुक्ति के बाद कोरम पूरा हो गया है। तीन सदस्य डॉ. शिवसिंह राठौड़, राजकुमारी गुर्जर तथा रामूराय रायका पहले से ही कार्यरत हैं।
इन तीनों सदस्यों की नियुक्ति गत भाजपा शासन में हुई थी। आयोग में अब सात सदस्य और एक अध्यक्ष हो गया है। ऐसे में उम्मीद की जानी चाहिए कि आयोग का काम काज तेजी से आगे बढ़ेगा। आयोग में कई परीक्षाएं लम्बित है तो अनेक पदों की परीक्षाएं हो जाने के बाद परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
हालांकि सदस्यों की नियुक्ति में सोशल इंजीनियरिंग का काफी ख्याल रखा गया है, लेकिन लम्बे अर्से बाद यह पहला अवसर है, जब मीणा समुदाय का कोई सदस्य आयोग में नहीं होगा। यादव राज्य के डीजीपी के पद से इस्तीफा देकर आयोग में आए हैं। यादव अजमेर के ही रहने वाले हैं। यादव अध्यक्ष के पद पर आठ माह तक कार्य करेंगे।
गहलोत सरकार ने जो आदेश जारी किया है, उसमें देश के सुविख्यात कवि डॉ. कुमार विश्वास की पत्नी डॉ. मंजू शर्मा को आयोग का सदस्य नियुक्त किया है। डॉ. मंजू शर्मा अजमेर के भोपों का बाड़ा क्षेत्र की रहने वाली हैं। माली समुदाय से संबंध रखने वाली डॉ. मंजू शर्मा ने कुमार विश्वास से प्रेम विवाह किया था। यहां यह उल्लेखनीय है कि कुमार विश्वास दिल्ली में आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य भी रहे। लेकिन राज्यसभा का उम्मीदवार नहीं बनाए जाने के बाद कुमार विश्वास ने पार्टी छोड़ दी। हालांकि कुमार विश्वास को पार्टी का राजस्थान ईकाई का संयोजक भी बनाया गया था। गहलोत सरकार ने डॉ. संगीता आर्य को भी आयोग का सदस्य नियुक्त किया है। डॉ. आर्य प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) निरंजन आर्य की पत्नी है। डॉ. संगीता आर्य पूर्व में पाली जिले से कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव भी लड़ चुकी हैं। गहलोत सरकार में निरंजन आर्य का जबरर्दस्त दबदबा है। गहलोत के पहले के कार्य काल में भी सरकार चलाने में आर्य की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। सीएमओ की कमान भी आर्य के पास ही है।
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया के विश्वास पात्र जसवंत राठी को भी आयोग का सदस्य बनाया गया है। राठी ने मेरा युद्ध कैंसर के विरुद्ध पुस्तक लिखी। उसका विमोचन सीएम अशोक गहलोत ने ही किया था। इस पुस्तक में राठी ने कैंसर रोग पर अपने संस्मरण भी लिखे हैं। प्रदेश के पत्रकार जगत के लिए खुशखबरी है कि पत्रकार साथी महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हुआ है।
राठी पूर्व में जयपुर से प्रकाशित कई दैनिक समाचार पत्रों में काम कर चुके हैं। क्षेत्रीय जनजाति विकास विभाग के निदेशक बाबूलाल कटारा को भी आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है। हाल ही में डूंगरपुर क्षेत्र में हुई हिंसा को देखते हुए कटारा की नियुक्ति को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों में बेरोजारी की बड़ी समस्या है। सामान्य वर्ग के शिक्षकों के 1167 रिक्त पदों पर एसटी वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी देने की मांग को लेकर ही डूंगरपुर में हिंसा हुई थी।