पिछला चुनाव हारे नेताओं के टिकट पर गहराया संकट

liyaquat Ali
2 Min Read

 

जयपुर। भाजपा में मोदी लहर के बावजूद जिन 37 सीटों पर भाजपा के प्रत्याशी हार गए थे, उन प्रत्याशियों की टिकटों पर इस बार संकट गहराया हुआ है। लगातार दूसरी बार हारने वाले प्रत्याशियों, कांग्रेस से भारी अंतर से करारी हार झेलने वाले प्रत्याशियों को मौका नहीं मिलेगा।
अधिकांश को फिर से टिकट की दौड़ में बाहर बताया जा रहा है। भाजपा के सीटवार पैनल बनाते वक्त हाल ही में दो दिन सीएम वसुन्धरा राजे सहित कोर कमेटी के हुए मंथन के दौरान इन प्रत्याशियों की फिर से दावेदारी पर सवाल खड़े हुए हैं। इनकी जगह नए चेहरों को मौका दिए जाने की चर्चाएं हैं।
भाजपा चुनावों में सीटें बंटोरने के लिए गत चुनाव में भाजपा से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने और जीत का सहरा बांधने वाले विधायको के साथ ही डॉ.किरोड़ीलाल मीणा के फिर से भाजपा में शामिल हो जाने के बाद राजपा के जिताऊ उम्मीदवारों को भी अपना प्रत्याशी बनाकर कर चुनावी मैदान में उतार सकती है। बागी होकर जीतें लूणकरणसर से माणिक चंद सुराणा, मंडावा से नरेन्द्र खींचड़, राजगढ़-लक्ष्मणगढ़ से राजपा विधायक गोलमा देवी, बल्लभनगर से रणधीर सिंह भींडर को फिर से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ाने की सुगबुगाहट है।
पुरानी सीटों पर जोड़-तोड़ कर फिर से टिकट की दौड़ में आगे माने जा रहे पूर्व प्रत्याशियों में आमेर से सतीश पूनियां, खाजूवाला से विश्वनाथ, कोलायत से देवी सिंह भाटी या उनकी बहू, बानसूर से रोहिताश्व कुमार, करौली से रोहिणी कुमारी, सरदारपुरा से शंभू सिंह खेतासर, सांचौर से जीवाराम, डीग-कुम्हेर से चुनाव हारे स्वर्गीय डॉ.दिगम्बर सिंह के बेटे शैलेश सिंह के नाम शामिल हैं।
Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *