
जयपुर/ राजस्थान के जालौर जिले के सुराणा गांव में एक ही स्कूल में कक्षा 3 के दलित छात्रों द्वारा पानी पीने के लिए मटकी के हाथ लगा देने के बाद शिक्षक द्वारा की गई पिटाई की घटना और और इस पिटाई के 24 दिन बाद उपचार के दौरान छात्र की मौत के मामले में देशभर में सरकार की किरकिरी की है वही इस घटना से आहत होकर कांग्रेस के ही दलित विधायक ने आज अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को भेज दिया है ।
उधर 40 घंटे बाद दत्तक छात्र का आज अंतिम संस्कार किया गया वहीं इस मामले में उच्च अधिकारियों की लापरवाही सामने आने की बात चर्चा में है और इस घटनाक्रम को लेकर अगर कलेक्टर और एसपी पर गाज गिर सकती है ? इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं।
विदित है की सुराणा गांव में एक निजी स्कूल में क्षति में पढ़ने वाले छात्र इंद्र मेघवाल पुत्र देवाराम मेघवाल(9) उन्हें 20 जुलाई को प्यास लगने पर पानी पीने के लिए स्कूल में रखी मटकी के हाथ लगा दिया था इस बात की जानकारी मिलने पर स्कूल के शिक्षक छैल सिंह ने छात्र की इस तरह पिटाई की कि छात्र के कान अंदर जबरदस्त चोट छात्र ने घर पहुंचकर अपने पिता को आपबीती बताई और दर्द होने की बात कही इस पर पता नहीं पहले स्थानीय अस्पताल में फिर ज्यादा हालत बिगड़ने पर उदयपुर और फिर अहमदाबाद भर्ती कराया ।
जहां 24 दिन की जद्दोजहद के बाद छात्र केंद्र ने दम तोड़ दिया था इस घटना के बाद जालौर में हालात तनावपूर्ण हो गए थे पुलिस ने इस संबंध में एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज कर आरोपी शिक्षक शैल सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।
लेकिन इस घटना को लेकर दलित समुदाय में जबरदस्त आक्रोश है और उनकी मांग थी कि मृतक छात्र के परिजनों को ₹5000000 का मुआवजा तथा परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी और स्कूल की मान्यता रद्द की जाए इस बात को लेकर मृतक छात्र के परिजन और दलित समुदाय और तब तक मांगे नहीं माने जाने पर लात नहीं उठाने की बात कही थी।
आखिर आज जिला प्रशासन और मृतक के परिजनों और समुदाय के लोगों के बीच सहमति बनने पर 40 घंटे बाद मृतक छात्र इंद्र का अंतिम संस्कार किया गया।
उधर दूसरी ओर इस घटना को लेकर अपनी ही सरकार को खेलते हुए और शासन में दलितों पर बढ़ते अत्याचार की घटनाओं को लेकर आहत बांरा जिले की अटरू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक पानाराम मेघवाल ने आज अपने पद से इस्तीफा देते हुए एक पत्र सभा के अध्यक्ष सीपी जोशी को बेचते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी है विधायक मेघवाल के इस कदम ने सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
उधर दूसरी ओर इस पूरे मामले में उच्च अधिकारियों की लापरवाही होने की बात कहीं जा रही है जा रहा है तू मामला गंभीर होने के बाद भी उच्च अधिकारी गंभीर नजर नहीं आए और समय रहते इस मामले को सुलझाने के प्रति कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया लोगों का कहना है कि आरोपी शिक्षक छैल सिंह इस घटना के बाद पीड़ित परिजनों पर समझौते का दबाव बना रहा था तब कलेक्टर निशांत जैन और एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल दोनों अपने घूमने के फोटो इंस्टाग्राम पर अपडेट करने में व्यस्त होते हैं मीडिया पर कलेक्टर निशांत जैन द्वारा एसपी हर्षवर्धन अग्रवाल के साथ वाली अपडेट की गई।
फोटो के स्क्रीनशॉट्स हुई वायरल हो रहे हैं जिसमें साफ नजर आ रहा है कि दोनों ही अधिकारी एक अलग ही दुनिया में मस्त थे यह भी बताया जा रहा है कि इन दोनों अधिकारियों ने लोगों की भावनाओं को नहीं समझा जब समझौते की वार्ता चल रही थी इसी दौरान परिजनों और आकर्षित लोगों पर लाठीचार्ज कर दिया गया हालांकि यह सब क्षेत्र के लोगों और दलित समुदाय का आरोप है इसमें कितनी सत्यता है यह तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा।