जयपुर/ राजस्थान के पाली नगर परिषद में फैले भ्रष्टाचार और परिषद सभापति तथा आयुक्त के ब्रजेश रॉय द्वारा भ्रष्टाचार और कमीशन के दबाव में मानसिक से काफी परेशान होकर एक ठेकेदार ने आत्महत्या कर ली इस घटना के बाद हालात बिगड़ गए हैं और ठेकेदारों सहित ठेकेदार के समाज के लोगों ने दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने तक शव नहीं उठाने की चेतावनी तक दे डाली।
सूत्रों के अनुसार नगर परिषद पाली लंबे समय से ठेकेदारी का काम कर रहे ठेकेदार हनुमान सिंह राजपुरोहित ने कल शाम अपने गांव ढाबर में आत्महत्या कर ली ।
ठेकेदार राजपुरोहित के पास से मिले सुसाइड नोट ने सबको चौंका दिया जब इस सुसाइड नोट में ठेकेदार ने नगर परिषद सभापति रेखा भाटी और उनके पति राकेश भाटी तथा नगर परिषद आयुक्त एवला लेखा शाखा के अधिकारियों पर कमीशन के लिए परेशान करने एवं लंबे समय से उसके बिलों का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाते हुए ।
अपनी मौत का जिम्मेदार उनको ठहराया है सुसाइड नोट के अनुसार ठेकेदार राजपुरोहित में सभापति रेखा भाटी उनके पति राकेश भाटी आयुक्त इमली का सरकार के अधिकारियों पर ज्यादा कमीशन के लालच में ठेकेदारों को उनके कार्य का भुगतान नहीं करने का आरोप लगाया है ।
उन्होंने सुसाइड नोट में बताया कि पिछले 2 सालों से अधिक से उसके करीब 2 करोड रुपए कल भुगतान नगर परिषद में बकाया चल रहा है और जिसके चलते बैंक की किस्से तक नहीं और पानी से बैंक में डिफाल्टर हो गया और बाजार में उनकी स्थिति और इज्जत खराब हो गई है ।
उधारी का पैसा चुकाने के लिया उसके पास कुछ भी नहीं बचा उसने अपने सारे संसाधन तक भेज दिए हैं सुसाइड नोट में मृतक ठेकेदार ने जिला कलेक्टर को संबोधित करते हुए लिखा है कि मेरा बकाया भुगतान नगर परिषद करवाएं तथा भुगतान की जांच कराएं ताकि किसी और को ऐसा कदम नहीं उठाना पड़े।
इस घटना की जानकारी मिलती है कांग्रेस के विधानसभा प्रत्याशी महावीर सुकरलाई नगर परिषद के पूर्व सभापति महेंद्र बोरा उपसभापति ललित प्रितमनी पार्षद जय जसवानी नरेश मेहता भाजपा नेता शिव प्रकाश प्रजापत सहित कई जनप्रतिनिधियों समाज के प्रबुद्ध लोग बांगड़ हॉस्पिटल पहुंचे।
जहां ठेकेदार की लाश मोर्चरी में पोस्टमार्टम के लिए रखी हुई थी वहां पहुंचकर इन सब लोगों ने अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग को लेकर पुलिस उप अधीक्षक से मुलाकात की मामला दर्ज नहीं होने तब फोन नहीं उठाने का ऐलान भी किया।
विदित है कि पूर्व उपसभापति मूल सिंह भाटी ने कुछ समय पहले एक पत्रकार वार्ता ने नगर परिषद में चल रहे कमीशन के खेल का उजागर भी किया था खुद यदि समय रहते हैं सरकार और सा शासन विभाग इस मामले में संज्ञान लेता तो शायद आज ठेकेदार को आत्महत्या के लिए विवश नहीं होना पड़ता।गोरतलब है कमीशन 10% की मांग कर रहे थे ।