जयपुर।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के फार्मूले पर बनाए गए गहलोत के मंत्रिमंडल में इस बार नए चेहरों को ज्यादा तरजीह दी गई है, पुराने चेहरों पर विश्वास जताया तो गया, लेकिन उनकी काफी संख्या कम रही है क्षेत्रीय और जातीय संतुलन के फेर में कई दिग्गज चेहरे मंत्रिमंडल से बाहर हो गए हैं।
मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले संभावित करीब ढाई दर्जन चेहरों में से सर्वाधिक नौ विधायक शेखावाटी के शामिल थे, लेकिन इनमें से केवल दो को ही मंत्रिमंडल में जगह मिल पाई है इनमें सुजानगढ़ विधायक मास्टर भंवरलाल मेघवाल और गोविंद सिंह डोटासरा शामिल हैं। मेघवाल पूर्व में भी गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं वहीं लक्ष्मणगढ़ से लगातार तीसरी बार जीते गोविंद सिंह डोटासरा गत बार कांग्रेस विधायक दल के सचेतक रहे हैं।
ये दिग्गज रेस से निकले
शेखावाटी के बड़े नामों में पूर्व विधानसभाध्यक्ष श्रीमाधोपुर विधायक दीपेन्द्र सिंह शेखावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक और खेतड़ी विधायक डॉ. जितेन्द्र सिंह, पूर्व राज्यमंत्री झुंझुनूं विधायक बृजेन्द्र ओला व नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा इस दौड़ से बाहर हो गए। इनके साथ ही सरदारशहर विधायक पं. भंवरलाल शर्मा और तारानगर विधायक नरेन्द्र बुडानिया भी इस दौड़ में पिछड़ गए हैं, इनके साथ ही हाड़ौती के कद्दावर नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री भरत सिंह भी मंत्रिमंडल में अपना स्थान नहीं बना पाए। गहलोत मंत्रिमंडल में हाड़ौती से कोटा उत्तर विधायक शांति धारीवाल और अंता विधायक प्रमोद जैन भाया को शामिल किया गया है ये दोनों पिछली गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं वहीं मेवाड़ के कद्दावर नेता नाथद्वारा विधायक डॉ. सीपी जोशी और आदिवासी अंचल का बड़ा नाम महेन्द्रजीत सिंह मालवीय का नाम भी मंत्रिमंडल की सूची में नाम नहीं आना चौंकाने वाला रहा।