जयपुर। राज्य में दिसम्बर में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए कांग्रेस ने रणनीति में बदलाव किया है। अब पार्टी उन विधानसभा सीटों पर नये चेहरों को मौका देने पर विचार कर रही है जहां लगातार उसे दो या तीन चुनावों से हार का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस इन सीटों पर युवाओं को देगी और वहां नई लीडरशिप को आगे बढाएगी।
जिन नये चेहरों पर ध्यान दिया जाएगा उनमें ऐसे युवा और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी जो प्रसिद्ध होने के साथ ही प्रभावशाली हों और सामाजिक कार्यों से संबंध रखते हों। इस बार पार्टी का ध्यान उन समुदाय और जातियों पर भी है जिनका उपयोग सिर्फ वोट बैंक के लिए किया जाता रहा है।
ज्ञात हो कि कांग्रेस के 65 से अधिक ऐेसे नेता है जो 2008 और 2013 में हार का सामना कर चुके हैं। 2008 में कांग्रेस 96 सीटें जीतकर सरकार बनने में कामयाब रही थी। लेकिन अगर 2008 और 2013 के साथ ही 2003 के परिणामों को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस के खाते में 30 ऐसी सीटें है जिन पर उसे लगातार तीन बार हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में इस बार जीत के लिए बेकरार कांग्रेस ने राजस्थान में टिकट वितरण की रणनीति को एकदम बदल दिया है।
वो इस बार के विधानसभा चुनावों में किसी भी ऐसे उम्मीदवार को टिकट देने के पक्ष में नहीं है जो लगातार पार्टी के लिए हार का कारण बन रहा हो या जो अपने चुनावी क्षेत्र से संपर्क में न रहता हो।