
जयपुर। प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी मेंबर्स की बैठक से पहले ड्यूटी को लेकर कांग्रेस सेवा दल के दो कार्यकर्ताओं में ही जमकर धक्का-मुक्की और हाथापाई हो गई। मौके पर मौजूद अन्य कार्यकर्ताओं ने बीच-बचाव कर मामले को शांत कराया। दोनों के बीच हुई हाथापाई का वीडियो भी खूब वायरल हो रहा है।
दरअसल आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पीसीसी सदस्यों की बैठक से पहले ही कांग्रेस सेवा दल के प्रदेश सचिव सुंदर जैन और हरी किशन तिवारी के बीच ड्यूटी को लेकर बहस हो गई। बताया जा रहा है कि हरि किशन तिवारी की ड्यूटी पीसीसी मुख्यालय के गेट पर लगी थी लेकिन वो पीसीसी मुख्यालय के प्रथम तल पर मीटिंग हॉल में चले गए, इसको लेकर दोनों के बीच काफी देर तक बहस हुई और फिर मामला धक्का-मुक्की और हाथापाई तक पहुंच गया।
काफी देर तक दोनों एक दूसरे से उलझते रहे,उसके बाद कांग्रेस सेवा दल के अन्य कार्यकर्ताओं ने दोनों का बीच-बचाव करके मामले को शांत कराया।ऐसा पहली बार नहीं है जब कांग्रेस सेवा दल के कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की या विवाद नहीं हुआ, उससे पहले भी कई बार इस तरह के मामले सामने आए हैं।
पार्टी आलाकमान पर छोड़ा पीसीसी अध्यक्ष एआईसीसी मेंबर का फैसला, प्रस्ताव हुआ पास
जयपुर। कांग्रेस संगठन चुनाव के मद्देनजर चयनित पीसीसी मेंबर की शनिवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में हुई बैठक में प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और एआईसीसी मेंबर का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ा गया है। कांग्रेस के संगठन चुनाव प्रभारी राजेंद्र सिंह कुंपावत की मौजूदगी में पीसीसी अध्यक्ष और एआईसीसी मेंबर का फैसला सर्वसम्मति से पार्टी आलाकमान पर छोड़ा गया है। प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने बैठक में प्रस्ताव रखा और उसके बाद पीसीसी सदस्यों ने हाथ उठाकर प्रस्ताव का समर्थन किया और फैसला कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया। हालांकि दिलचस्प बात यह है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से 400 पीसीसी मेंबर बनाए गए थे लेकिन आधे पीसीसी मेंबर बैठक में नहीं पहुंचे जिन्हें लेकर भी सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हैं।
गहलोत ने कहा, सब की मंशा राहुल गांधी अध्यक्ष बने
इधर पीसीसी चीफ और एआईसीसी मेंबर का प्रस्ताव पास होने के बाद प्रदेश संगठन चुनाव प्रभारी राजेंद्र कुमावत बैठक से चले गए जिसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी भावना व्यक्त करते हुए कहा कि हम सब की भावना यही है कि राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनना चाहिए। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस बात का प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने भी समर्थन किया, जिसके बाद पीसीसी सदस्यों ने भी हाथ उठाकर सीएम गहलोत की बात का समर्थन किया। बताया जाता है कि यह कोई आधिकारिक प्रस्ताव नहीं था कांग्रेस नेताओं ने केवल अपनी भावना व्यक्त की थी।
कल्ला को छोड़ पूर्व अध्यक्ष नहीं आए बैठक में
बड़ी बात यह भी है कि चयनित पीसीसी सदस्यों की बैठक में बीडी कल्ला को छोड़कर कोई भी पूर्व अध्यक्ष नहीं पहुंचे। सचिन पायलट, गिरिजा व्यास,नारायण सिंह और डॉ चंद्रभान भी पीसीसी की बैठक में शामिल नहीं हो पाए। हालांकि सीपी जोशी विधानसभा स्पीकर होने के नाते बैठक से दूर रहे।
200 से ज्यादा पीसीसी मेंबर नहीं पहुंचे बैठक में
वही पीसीसी मेंबर्स का चुनाव होने के बाद प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में यह पहली बैठक थी लेकिन 400 में से 200 से ज्यादा पीसीसी मेंबर नहीं पहुंचे, उन्हें लेकर भी सियासी गलियारों में कई तरह की चर्चाएं चल पड़ी है।
इससे पहले दोपहर 3 बजे बजे शुरू हुई बैठक तकरीबन 4 बजे तक चली जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने निर्वाचित पीसीसी सदस्यों को बधाई भी दी। बैठक के बाद प्रदेश प्रभारी अजय माकन और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि बैठक में सिंगल लाइन का आधिकारिक फैसला लिया गया है जिसमें पीसीसी चीफ और एआईसीसी मेंबर चुनने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ा गया है। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हम सभी की मंशा है कि राहुल गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष होने चाहिए और सब ने हाथ खड़े कर के इसका समर्थन किया है।