जयपुर। विधानसभा चुनाव का रण में करीब 50 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज करना इस बार भी कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती होगी। कांग्रेस इन सीटों कईं बार हार चुकी है। इन सीटों को जीतने के लिए इस बार कांग्रेस खास प्लान तैयार करने जा रही है। इसके लिए सेवादल को स्पेशल टास्क दिया गया है तो वहीं इन सीटों पर युवाओं,महिलाओं और नए चेहरों को मैदान में उतारने की पार्टी ने रणनीति बनाई है। इंतजार उम्मीदवारों की घोषणा की है। उससे पहले कांग्रेस हर मजबूत रणनीति बनाने में जुटी हुई है। कांग्रेस इस बार अपनी कमजोर सीटों पर जीत दर्ज करने के लिए खासा मेहनत कर रही है।
लाडपुरा, बूंदी, राजसमंद, भीम, सिरोही, शेरगढ़, लोहावट, मारवाड़ जंक्शन, परबतसर, डेगाना, अजमेर नॉर्थ, धौलपुर, बयाना, नदबई, कठूमर, रामगढ़, अलवर शहर, किशनगढ़बास, आदर्श नगर, विद्याधरनगर, शाहपुरा, विराटनगर, नवलगढ़, तारानगर, बीकानेर वेस्ट, खाजूवाला, पाली, खानपुर, भीम, नागौर, खींवसर, पिलानी, सादुलपुर, चूरु, उदयपुर शहर, जोधपुर शहर, बांदीकुई, दौसा, सांगानेर, मालवीय नगर,कोटा उत्तर, भादरा, श्रीगंगानगर, भरतपुर, जैतारण, झालरापाटन, नोहर।
ये वो सीटें जहां पर कांग्रेस दो बार,चार बार या बड़े अंतर से लगातार हार रही है। लिहाजा सत्ता में वापसी के लिए कांग्रेस ने इस बार इन सीटों के लिए खास एक्सरसाइज कर रही है। पार्टी ने एजेंसी के जरिए इन सीटों के मतदाताओं का मिजाज जाना और मुद्दों की पहचान की है।
फिर सह प्रभारियों के जरिए किस नेता को मौका दें तो जीत हासित होती है उसकी डीटेल जुटाई। अब भी इन सीटों को लेकर कांग्रेस आंकड़े लेने में जुटी हुई है। कांग्रेस ने सेवादल पदाधिकारियों को फिलहाल इन सीटों के समीकरण जानने के लिए लगा रखा है। वहीं जातिगत आंकड़ों और मतदान प्रतिशत की गहराई से पड़ताल की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने इन सीटों पर महिलाओं,युवाओं और नए चेहरों को मौका देने की रणनीति बनाई है। साथ ही वरिष्ठ नेताओं की स्पेशल ड्यूटी नामांकन के बाद लगाएगी।
अगर कांग्रेस एक बार फिर इन सीटों पर नहीं जीत पाती है तो उसका सत्ता वापसी का दावा महज दावा साबित हो सकता है। फिर कहीं गाड़ी कहीं जादुई आंकड़े के पास आकर नहीं अटक जाए। अब इन सीटों के लिए कांग्रेस ने जो मेहनत की है उसका पता तो परिणामों के बाद ही सामने आएगा।