
जयपुर। राज्यसभा चुनाव में अब एक के बाद एक कांग्रेस विधायकों की नाराजगी के खुलकर सामने आ रही है। कांग्रेस भले ही 126 विधायकों के समर्थन का दावा करे, लेकिन जिस तरह से विधायकों की नाराजगी की सामने आ रही है। उससे कहीं न कहीं कांग्रेस की चिंता बढ़ी हुई है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सरकारी कार्मिक से मारपीट के आरोप में मुकदमा दर्ज होने और जेल जाने से नाराज कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा का अब चौकाने वाला बयान सामने आया है। गिर्राज सिंह मलिंगा का दावा है कि उन्हें नेता मायावती ने बनाया है, कांग्रेस पार्टी ने नहीं।
गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि वो 2008 में पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव जीते और विधायक बने उसमें बसपा का हाथ है, कांग्रेस पार्टी का नहीं। उनके सामने जिस कांग्रेस के प्रत्याशी ने चुनाव लड़ा था उसकी जमानत जब्त हो गई थी।
मरते दम तक रहूंगा बसपा का एहसानमंद
कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि भले ही वह दो बार कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते हैं लेकिन पहली बार वह चुनाव बसपा के टिकट पर जीत कर आए थे। इसलिए वो मरते दम तक बहुजन समाज पार्टी और मायावती का एहसानमंद रहेंगे।
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस से गद्दारी नहीं करूंगा
गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि वो कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर आए हैं इसलिए राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी से गद्दारी नहीं करूंगा और वोट कांग्रेस को ही दूंगा। चूंकि मैं बिकाऊ व्यक्ति नहीं हूं और न ही ऐसा कोई दाग अपने जीवन पर लगाऊंगा जिससे जनता मुझे गाली दे, भ्रष्टाचारी कहे। जनता ने हमें जीताकर भेजा है तो उसका सम्मान करेंगे।
सरकार का साथ देने के बदले मुझ पर मुकदमा दर्ज हुआ
गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि सियासी संकट के दौरान हमने सरकार बचाने में भूमिका निभाई थी, लेकिन उसके बदले मुझ पर मुकदमा दर्ज हुआ और जेल भेजा गया। बाड़ेबंदी से दूरी बनाए रखने के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम उदयपुर क्यों जाएंगे?पहले सियासी बाड़ेबंदी में 35 दिन रहे थे।
तब उसके बदले मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज किया गया जिससे मेरा कोई वास्ता नहीं है। गौरतलब है कि गिर्राज सिंह मलिंगा लगातार बाड़ी से तीसरी बार विधायक चुने गए हैं। पहली बार वह बसपा के टिकट पर चुनाव जीते जीते थे उसके बाद लगातार दो बार से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते हैं। हाल ही में बिजली कार्मिकों से मारपीट के मामले में उन पर कई मुकदमे दर्ज किए गए थे। इसे लेकर बिजली कर्मचारियों ने आंदोलन करके विधायक की गिरफ्तारी की मांग भी की थी, जिस पर गिर्राज सिंह मलिंगा ने मुख्यमंत्री गहलोत के कहने पर पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था और उसके बाद उन्हें जेल भेज दिया था। हालांकि हाईकोर्ट से उनकी जमानत हो गई थी। मलिंगा फिलहाल जमानत पर चल रहे हैं।