जयपुर
लोकसभा चुनाव की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस में शुरू हुआ घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है अब ताजा मामलों में सीएम पद के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है। इसमें गहलोत गुट जहां अपना पद बचाए रखने के लिए संघर्ष कर राज्य में नए विवाद पैदा कर रहा है,
वही पायलट गुट अपने नेताओं के माध्यम से दिल्ली में अपना पक्ष रखने में जुट गया है । दोनों बड़े नेताओं के बीच चल रहे इस घमासान से आकलन लगाए जा रहा है कि राज्य में अस्थिरता का माहौल है और कभी भी नेतृत्व परिवर्तन हो सकता है।
सत्ता के इस संघर्ष को सबसे पहले हवा दी थानागाजी रेप केस में और उसके कुछ दिनों बाद ही पूर्व डीजीपी हरीश मीणा के धरने पर बैठने से माहौल की तस्वीर एकदम साफ हो गई। हाल ही में टोडाभीम विधायक पृथ्वीराज मीणा के बयान ने सियासी हलकों में तहलका मचा दिया है।
अब यह माना जा रहा है कि गहलोत और पायलट दोनों के ही समर्थक दिल्ली में राहुल गांधी के समक्ष अपना पक्ष रखने में जुट गए हैं। जहां पायलट के समर्थक सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं वही गहलोत अपनी सीट बचाने के लिए प्रयासरत है।
लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी को लेकर सत्ता और संगठन के बीच चल रही खींचतान को विधायकों के बयान ने हवा तो दी है पर कांग्रेस के आला नेता इसे दबाने में जुट गए हैं। पृथ्वीराज मीणा के बयान के बाद संकेत मिलने लगे हैं कि अब निकाय चुनावों से पूर्व एक बार फिर गहलोत और पायलट गुट आमने-सामने हो गए हैं।
इसी के कारण सभी नेताओं की दिल्ली दौड़ शुरू हो गई है, अगर इनका निशाना सही बैठता है तो जल्द ही प्रदेश में बड़ी सियासी खबर आ सकती है हालांकि अशोक गहलोत हो को मुख्यमंत्री पद से हटाए जाने की संभावना नगण्य है