
जयपुर। प्रदेश के 13 जिलों में सिंचाई और पेयजल उपलब्धता के लिए बनाई गई ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर प्रदेश में सियासत तेज है। सत्तारूढ़ कांग्रेस जहां इस मुद्दे को डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भुनाने की तैयारी कर रही है तो बीजेपी कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगा रही है। इसी बीच प्रदेश कांग्रेस आज ईस्टर्न कैनल परियोजना के मुद्दे पर सम्मेलन करने जा रही है।
सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक राजधानी जयपुर के बिड़ला सभागार में सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 13 जिलों के दो हजार से ज्यादा कांग्रेस जनप्रतिनिधि बुलाए गए हैं। भरतपुर, अलवर, कोटा, बारां, झालावाड़, सवाई माधोपुर, टोंक, अजमेर, जयपुर, दौसा, करौली, बूंदी और धौलपुर जिले के जनप्रतिनिधि इस महासम्मेलन में शिरकत करेंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश प्रभारी अजय माकन, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी सहित कई वक्ता संबोधित करेंगे और ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर जानकारी देंगे कि इस योजना के तहत 13 जिलों के कौन-कौन से क्षेत्र इस योजना से लाभान्वित होने वाले हैं।
गौरतलब है कि प्रदेश में डेढ़ साल के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रही है, चूंकि ईस्टर्न कैनल परियोजना के तहत आने वाले 13 जिलों में विधानसभा की 85 सीटें हैं। इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाकर कांग्रेस पार्टी उन 13 जिलों के मतदाताओं को साधना चाहती है।
सूत्रों की माने तो महासम्मेलन में ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर प्रदेश भर में फिर से धरने-प्रदर्शन शुरू करने और केंद्र की मोदी सरकार और बीजेपी को घेरने के लिए रणनीति पर भी चर्चा होगी। धरने-प्रदर्शनों की जिम्मेदारी 13 जिलों के विधायकों, क्षेत्र से आने वाले मंत्रियों और विधानसभा-लोकसभा में कांग्रेस के प्रत्याशी रहे नेताओं को दी जाएगी।
इधर ईस्टर्न कैनल परियोजना को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं के बीच जमकर बयानबाजी चल रही है। केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनिया, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, जलदाय मंत्री महेश जोशी और खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के बीच लगातार इस मामले को लेकर जुबानी जंग चल रही है।