जयपुर
लोकसभा चुनावों के बाद कांग्रेस में घमासान शुरू हो गया है पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की आधी अधूरी जीत के बाद कांग्रेस अध्य्क्ष सचिन पायलट का मुख्य मंत्री बनना तय था पर बीच मे अशोक गहलोत ने रोड़ा डाल दिया।अब लोकसभा चुनाव क़े बाद कयास है कि पायलट को मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेश की करारी हार हुई है यहां सभी 25 सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को बहुत कम वोट मिले हैं। हार की समीक्षा के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़े किए है, ऐसे में कयास है कि राज्य में हुई करारी हार की जिम्मेदारी देते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जल्द ही अपना पद छोड़ने की पेशकश कर सकते हैं।
अगर ऐसा हुआ तो प्रदेश में अशोक गहलोत के बाद सचिन पायलट ही ऐसे नेता है जो मुख्यमंत्री पद संभाल सकते हैं। राजनीतिक हालात को देखते हुए माना जा रहा है कि बहुत जल्द पायलट को प्रदेश का ताज मिलने वाला है । हालांकि प्रदेश में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पकड़ काफी मजबूत है इसके कारण वे पद छोड़ने की स्वयं पेशकश नहीं करेंगे, हो सकता है कि राहुल गांधी खुद ही उन्हें पद छोड़ने के लिए कह दे कयास यह भी है कि राहुल गांधी के इस्तीफे के बाद अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जा सकता है। अगर अशोक गहलोत राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाते हैं तो यहां मुख्यमंत्री की कुर्सी सचिन पायलट को मिलना तय है। अभी तक के हालात को देखते हुए माना यह जा रहा है कि प्रदेश की राजनीति का भविष्य इस हफ्ते मैं तय हो जायेगा।
इधर अशोक गहलोत को पद से हटाने के लिए प्रदेश कांग्रेस में भी अलग अलग धडे सक्रिय हो गए है।
इसमें कुछ मुख्यमंत्री के खिलाफ खुलकर बाहर आ गए हैं और कुछ भीतर खाने ही उनकी जड़े काटने की कोशिश में लगे हुए हैं हालांकि पायलट को सीएम की कुर्सी मिलने के बाद भी उनको यह ताज कांटो भरा ही मिलेगा। प्रदेश के राजनीतिक हालात कांग्रेस के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं है, ऐसे में पायलट के समक्ष आने वाले दिनों में बहुत चुनौतियां आने वाली है।