
जयपुर। प्रदेश में दुधारू पशुओं और गोवंश में महामारी का रूप ले चुके लंपी रोग को लेकर सरकार अलर्ट मोड पर है, एक ओर जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत केंद्र सरकार से भी लंपी रोग को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने को लेकर पत्र लिख चुके हैं तो वहीं प्रदेश में भी लगातार भामाशाह, धार्मिक संस्थाओं, धर्मगुरु और जनप्रतिनिधियों के साथ संवाद करके लंपी रोग की रोकथाम में सहयोग की अपील कर चुके हैं। वहीं अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमजन से भी अपील करते हुए आपदा में सहयोग देने की अपील की है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेशवासियों के नाम जारी एक अपील में कहा कि राजस्थान में गोवंश में लंपी रोग फैल रहा है, राजस्थान सरकार गोवंश की रक्षा के लिए लंपी रोग की रोकथाम की लगातार प्रयास कर रही है। रोग प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल अस्थाई तौर पर 197 पशु चिकित्सा अधिकारियों और 730 पशुधन सहायकों की नियुक्ति की गई है। पशुपालकों को लंपी रोग से बचाव और रोकथाम के लिए नियमित जानकारी दी जा रही है, प्रदेश लेवल पर और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, साथ ही रोगों के सर्वेक्षण के लिए भी तुरंत कार्रवाई की जा रही है।
सीएम गहलोत ने कहा कि किसान कॉल सेंटर पर किसानों और आमजन की समस्याओं और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। आपातकालीन आवश्यक औषधियों और वैक्सीन क्रय करने के लिए 30 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश भर में अब तक उपलब्ध 16. 22 लाख वैक्सीन में से 12. 32 लाख वैक्सीन गोवंशीय पशुओं में टीकाकरण किया जा चुका है।
11.59 लाख पशुओं का उपचार किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 46 लाख लंपी गोट पॉक्स वैक्सीन के क्रय की स्वीकृति जारी हो चुकी है। सरकार ने गौशालाओं को दिए जाने वाले अनुदान की अवधि को 6 माह से बढ़ाकर 9 माह कर दिया है।साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने यह भी कहा कि जिस तरह से प्रदेश के भामाशाहों, समाजिक संगठनों, स्वयंसेवी संगठनों, जनप्रतिनिधियों और आमजन ने कोरोना महामारी के दौरान सरकार का सहयोग किया था वैसा ही सहयोग महामारी के दौरान भी सरकार को दें, जिससे कि गोवंश और दुधारू पशुओं को महामारी से बचाया जा सके।