जयपुर
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कृषि मंत्री लालचंद कटारिया का इस्तीफा नामंजूर कर दिया है। सीएम गहलोत ने कटारिया से आग्रह किया है कि वे आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करें और प्रदेश में सुशासन देने में अपनी भागीदारी निभाएं। उन्होंने कटारिया को सीख भी दी है कि ऐसे वक्त में जब चुनाव के परिणाम अनुकूल नहीं आए हैं तो उसे देखते हुए हमारी नैतिक जिम्मेदारी भी बढ जाती है।
बता दें कि लोकसभा चुनावों में जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णा पूनिया की झोटवाडा विधानसभा क्षेत्र से करारी हार हुई थी। यहां से पूनिया को भाजपा प्रत्याशी से एक लाख 14 हजार वोट कम मिले थे। इस करारी हार से व्यथित होकर झोटवाडा के विधायक और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने हार की जिम्मेदारी लेते हुए अपना इस्तीफा भेज दिया था। इस्तीफा देेने के बाद कटारिया धार्मिक यात्रा पर उत्तराखंड चले गए थे। शुक्रवार को वे वापस लौटे और उन्होंने सीएम से मिलकर पद छोडने की इच्छा जाहिर की थी। इसके बाद गहलोत ने शनिवार को कटारिया का इस्तीफा नामंजूर करते हुए उन्हें काम करने के लिए कहा है।
कटारिया ने भावुकता ने दिया इस्तीफा: गहलोत
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भीलवाड़ा के करेड़ा में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कटारिया ने भावुक होकर इस्तीफा दिया है। उनके क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में एक लाख से ज्यादा मतों से पार्टी हार गई थी, जबकि पूरे देश में जो इस बार कांग्रेस पार्टी कामयाब नहीं हो पाई है। इस बार हार के वोटों का अंतर रहा, वो आज तक कई राज्यों में इतना गैप नहीं रहा है। सीएम ने कटारिया को समझाया व उनसे आग्रह किया कि केवल आपके अकेले के क्षेत्र में पार्टी पराजित हुई है, ऐसी बात नहीं है। इस बार अधिकांश जगह कांग्रेस पार्टी कामयाब नहीं हो पाई है, इसलिए उनको भावुक होकर इस्तीफा देने की आवश्यकता नहीं है।
नहीं ली किसी ने हार की जिम्मेदारी
इधर, प्रदेश में कांग्रेस की करारी हार के बाद अभी तक किसी ने भी हार की जिम्मेदारी नहीं ली है। कटारिया का इस्तीफा नामंजूर किए जाने के बाद इस बात की चर्चा है कि अब हार की जिम्मेदारी सामूहिक रूप से ली जाएगी तथा किसी भी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। हालांकि राष्टï्रीय स्तर पर हार की जिम्मेदारी लेकर पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अडे हैं लेकिन राज्य में हार की जिम्मेदारी कोई भी लेने को तैयार नहीं है। लिहाजा पार्टी जल्द ही लोकसभा की हार भूल कर आगामी चुनावों की तैयारी शुरू करेगी तथा अगले चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करने का प्रयास करेगी। पार्टी के नेता भी अगले निगम चुनावों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं।