अवैध क्लिनिकल ट्रायल के मामले मालपाणी अस्पताल में ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया की टीम पहुंची अस्पताल, क्लीन चिट की तैयारी

Sameer Ur Rehman
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जयपुर। जयपुर के मालपाणी अस्पताल में ड्रग ट्रायल मामले की जांच करने रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) की टीम अस्पताल पहुंची। करीब तीन घंटे विभिन्न पहलुओं की जांच के बाद टीम के सदस्य जब बाहर निकले तो उनके अलग-अलग बयान थे। एक तरफ टीम के एसएमएस अस्पताल के एक सदस्य ने यहां कुछ भी गलत नहीं होना बताया, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली से आए दो अन्य अधिकारियों ने जांच पूरी होने के बाद ही कुछ बता पाने की बात कही। इधर राज्य सरकार की ओर से गठित जांच कमेटी रविवार को अपनी जांच आगे नहीं बढ़ा पाई है।
डीसीजीआई को सौपेंगे रिपोर्ट
जांच टीम के सदस्य एसएमएस अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. आर सी मीणा ने बताया कि हो सकता है दिल्ली से आए सदस्यों ने कुछ कहा नहीं, लेकिन सभी की सहमति है कि प्रथम दृष्टïया जांच में कुछ भी गलत नजर नहीं आ रहा। हम अपनी रिपोर्ट डीसीजीआई को सौंपेंगे।
तो क्या आरोप हो गए नजरअंदाज?
डॉ. आर सी मीणा के बयानो को देखते हुए लग रहा है कि डीसीजीआई की ओर से मालपाणी अस्पताल को क्लिन चिट दे दी जाएगी। सवाल यह उठता है कि तो क्या अब दो दिन पहले यहां अस्पताल में लाए गए करीब दो दर्जन लोगों के आरोपों को नजर अंदाज कर दिया जाएगा?
रजिस्टर्ड मरीजों को ही दी दवा
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के सदस्य डॉ. आर सी मीणा ने बताया कि दो दर्जन लोगों को दवा देने के आरोप गलत पाए गए हैं, दवा महज तीन मरीजों को ही दी गई, जो यहां पर ड्रग ट्रायल के लिए रजिस्टर्ड पाए गए हैं। डॉ. मीणा ने बताया कि कंपनी की ओर से ट्रायल की जा रही दवा ऑस्थियो ऑर्थराइटिस की है, जो 40 से 60 साल की उम्र में होता है, ऐसे में इससे कम उम्र के लोगों को दवा क्यों दी जाएगी, जबकि वे लोग इस श्रेणी में ही नहीं आते।
टीम के सामने आई ये कहानी…
डॉ. आर सी मीणा ने बताया कि जो दो दर्जन लोग अस्पताल आए थे, उन्हें यहां से स्वास्थ्य लाभ पा चुके किसी मरीज ने यहां पर फ्री में लाने-ले जाने और दवा देने की जानकारी दी थी। पूछताछ में सामने आया कि ये लोग 18 अपे्रल को शाम को आए, लेकिन कम उम्र और स्वस्थ होने के चलते इन्हें दवा नहीं दी गई। रात को रुकने का इंतजाम नहीं था, तो ये लोग यहीं अस्पताल में ही रुक गए। सुबह वापस जाने के लिए रुपए मांगें, लेकिन अस्पताल प्रशासन ने रुपए देने से मना किया तो आरोप जड़ दिए गए।
इधर, राज्य सरकार की जांच में ढीलाई
इधर चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के निर्देश पर प्रमुख शासन सचिव वीनू गुप्ता की ओर से गठित जांच कमेटी फिलहाल ढीला रुख अपनाए हुए हैं। टीम के सदस्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि रविवार को डीसीजीआई टीम के आने से वे अस्पताल नहीं गए, सोमवार को जांच कार्रवाई आगे बढ़ाई जाएगी। टीम एक बार शनिवार को अस्पताल होकर आ चुकी है।

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Editor - Dainik Reporters http://www.dainikreporters.com/
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