
जयपुर। भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी की ओर से असम की तर्ज पर राजस्थान में भी मदरसे बैन करने के बयान पर अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद ने पलटवार किया है। मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि वासुदेव देवनानी संकीर्ण मानसिकता के व्यक्ति हैं। उन्हें पहले केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलात विभाग और 15 सूत्री कार्यक्रम को बंद करवाना चाहिए।
उसके बाद मदरसों पर बैन लगाने की बात करनी चाहिए। सालेह मोहम्मद ने आज प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मदरसों को केंद्र सरकार के 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत अनुदान और मदद मिलती है। भाजपा राज में भी मदरसों को अनुदान मिला है।
पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार में भी मदरसों को अनुदान मिलता आया है। अरुण चतुर्वेदी अल्पसंख्यक मामलात मंत्री थे तब वासुदेव देवनानी ने इस मांग को क्यों नहीं उठाया। सालेह मोहम्मद ने कहा कि शिक्षा के अधिकार कानून के तहत जब सभी को शिक्षा लेने का अधिकार है तो फिर मदरसों को इससे कैसे वंचित कर सकते हैं।
ज्ञान वापी मस्जिद विवाद में दोनों पक्ष बैठकर हल निकाले
ज्ञानवापी मस्जिद विवाद को लेकर मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि केंद्र में बीजेपी की सरकार इस तरह के मुद्दों से देश का माहौल खराब करना चाहती है। ज्ञानव्यापी मामले में दोनों पक्षों को बैठकर मामले का हल निकालना चाहिए। हालांकि मामला कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए इस पर कुछ भी बोलना उचित नहीं है, कोर्ट का जो फैसला आएगा वह सब को मान्य होगा।
केंद्र की गलत नीतियों की वजह से बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम
पेट्रोल डीजल की दरों को लेकर कैबिनेट मंत्री साले मोहम्मद ने कहा कि पेट्रोल डीजल के ज्यादा भाव केंद्र सरकार की गलत नीतियों की वजह से हुए हैं। केंद्र सरकार तीन तरह की एक्साइज ड्यूटी लगा रही है, अभी कुछ पैसे कम कर लिया लेकिन अब फिर से पैसा बढ़ना शुरू हो जाएगा हमारी मांग है कि इस पर ठोस नीति बननी चाहिए ताकि रोज-रोज पेट्रोल डीजल के दाम ना बढ़े।