जयपुर
सरकार की ओर से गायों के लिए जो अनुदान दिया जा रहा है वह पर्याप्त नहीं है, ऐसे में सरकार जल्द ही परीक्षण का निर्णय करेगी कि गौशालाओं का अनुदान कैसे बढाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर में पहले राज्य स्तरीय गौरक्षा सम्मेलन में प्रदेशभर से आए गौशाला संचालकों, उनके प्रतिनिधियों तथा गौसेवक संत-महात्माओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हमारी पिछली सरकार ने गौवंश के संरक्षण के लिए गौसेवा निदेशालय बनाया था। इस दौरान गहलोत ने गौशालाओं को इस साल की पहली तिमाही का अनुदान जल्द जारी करने और सूखा प्रभावित जिलों में जल्द ही चारा डिपो खोलने की घोषणा की।
समारोह में मुख्यमंत्री ने राज्य स्तरीय सर्वश्रेष्ठ गौशाला के रूप में रावचा नाथद्वारा की आदर्श गौपालन एवं संरक्षण केन्द्र के प्रबंधक लक्ष्मीकांत शर्मा को प्रथम पुरस्कार 21 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र, मरूधर केसरी जैन गौशाला ट्रस्ट कुशालपुरा (पाली) के व्यवस्थापक नेमीचंद सिंघवी को द्वितीय पुरस्कार 15 हजार रुपए एवं प्रशस्ति पत्र तथा तृतीय पुरस्कार दौसा के मण्डावर की श्री राम कबीर पीठ भागवत गौसेवा के अध्यक्ष स्वामी प्रेमदास आचार्य को 11 हजार रूपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किए।
सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने नवीन सरस डेयरी बूथ संचालन के लिए 11 आवेदकों को स्वरोजगार के तहत आवंटन पत्र भी वितरित किए। इससे पहले गोपालन मंत्री प्रमोद जैन भाया ने कहा कि राज्य सरकार गौवंश तथा गौशालाओं के संरक्षण के लिए नीति लाने पर विचार कर रही है। कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने कहा कि किसानों और पशुपालकों को संबल प्रदान करना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। वन एवं पर्यावरण मंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि पहली बार किसी सरकार ने प्रदेशभर के गौसेवकों के सम्मान की पहल की है।
इस अवसर पर विधायक गंगादेवी, वेदप्रकाश सोलंकी, अमित चाचान, निर्मला सहरिया, पानाचंद मेघवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन पी.के. गोयल तथा आरसीडीएफ की प्रबंध निदेशक डॉ. वीणा प्रधान भी उपस्थित थीं।