जयपुर
प्रदेश के निकायों में वार्ड पुनर्गठन के विरोध में भाजपा ने अब मोर्चा खोल दिया है। इसे रोकने के लिए भाजपा राज्यपाल से मिलेगी और कोर्ट भी जाएगी। इसका निर्णय बुधवार शाम भाजपा मुख्यालय में हुई पार्टी के विधायक, पूर्व विधायक, पूर्व महापौर व शहर पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया। इस बैठक में वार्ड पुनर्गठन के कानूनी पक्ष देखने के लिए बनाई गई समिति ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
कमेटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि नियमानुसार जनसंख्या बढने या निकाय का क्षेत्र बढने की स्थिति में ही वार्डों का पुनर्गठन किया जा सकता है। ऐसे में वर्ष 2011 की जनसंख्या के आधार पर वर्ष 2014 में वार्डों का पुनर्गठन किया जा चुका है और जनसंख्या के आधार पर 2021 की जनगणना से पहले पुनर्गठन नहीं किया जा सकता।
इसके अलावा निकाय के क्षेत्र में किसी भी पंचायत को शामिल करने का कोई प्रस्ताव नहीं है और 2014 के बाद कोई भी पंचायत का क्षेत्र इसमें शामिल नहीं किया गया है। ऐसे में वार्डों का पुनर्गठन नहीं किया जा सकता। कमेटी ने इसको लेकर पुराने आदेश भी बैठक में रखे तथा 2014 के वार्ड पुनर्गठन का आदेश भी पढकर सुनाया। जिसमें पुनर्गठन के लिए वर्ष 2011 की जनसंख्या को आधार बनाया गया है।
बैठक में तय किया गया कि कांग्रेस सरकार मनमाने तरीके से वार्डों का पुनर्गठन करना चाहती है। ऐसे में इसे रोकने के लिए राज्यपाल से मिला जाएगा। इसके लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगने के लिए कहा गया है। साथ ही भाजपा विधि प्रकोष्ठï के पदाधिकारी कमेटी की रिपोर्ट का पूरा अध्ययन करेंगे और रिपोट में सामने आए बिन्दुओं के आधार पर कोर्ट में जाने की तैयारी की जाएगी।