जयपुर
राज्य में लोकसभा चुनाव के बाद आत्मविश्वास से लबरेज भाजपा भाजपा प्रदेश में कांग्रेस सरकार गिराने की कवायद में लग गई है। मंगलवार को पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा का बयान भी भाजपा की इसी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। आहूजा ने भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि सरकार से बसपा के सभी विधायक नाराज हैं और 20 25 अन्य विधायकों में भी नाराजगी है। उनकी यह नाराजगी सरकार के कामकाज के प्रति है
आहूजा के इस बयान के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
आपको बता दें कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने की जोड़-तोड़ में लग गई है , और जल्द ही इसका नतीजा भी सामने आ जाएगा। कुछ ऐसे ही जोड़-तोड़ की कोशिश में भाजपा राजस्थान में भी सक्रिय है ।
इससे पहले खबरें आ रही थी कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारी कई कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं और उन्हें इस्तीफा दिलाकर उप चुनाव की रणनीति का खाका तैयार कर रहे हैं।
इन खबरों के बाद मुख्यमंत्री गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सभी विधायकों पर नजर रखना शुरू कर दिया। लेकिन अब आहूजा के इस बयान ने एक बार फिर सियासी हलकों में इन कयासों को बढ़ावा दे दिया है अगर भाजपा कांग्रेस के विधायकों का दल बदल नहीं करवा पाई तो संभवत इन विधायकों से इस्तीफा दिलवा कर उपचुनाव करवाएगी ।
आपको बता दे कि राजस्थान विधानसभा में मौजूदा स्थिति के तहत जहां कांग्रेस के पास 100 सीटें हैं वहीं भाजपा के पास 73 विधायक हैं, इसके अलावा 13 निर्दलीय , 6 बसपा दो माकपा और तीन राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हैं। इसमें राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का एक और भाजपा के एक विधायक के सांसद बन जाने के कारण इन सीटों पर उपचुनाव होना बाकी है ।
सदन में कमजोर स्थिति को देखते हुए राजनीतिक विश्लेषक राजस्थान में बड़े उलटफेर की संभावना कम ही जता रहे हैं। परंतु माना जा रहा है की निर्दलीय तथा करीब 10 कांग्रेस विधायकों स्थिति करवा कर भाजपा राज्य में सत्ता परिवर्तन की कोशिश कर सकती है।