जयपुर । भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पद से अशोक परनामी का इस्तीफा लिए जाने के दस दिनों बाद भी नए अध्यक्ष के नाम पर कोई निर्णय नहीं हो पाया है। प्रदेशाध्यक्ष के लिए चल रही लाबिंग तथा विरोधी खेमे के दवाब के कारण अब यह मामला अधरझूल में चला गया है। इस मामले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बीच हुई मंत्रणा के बाद अब कयासों का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब नए अध्यक्ष का निर्णय कर्नाटक चुनावों के नतीजे आने के बाद ही हो पाएगा वहीं भाजपा पदाधिकारियों का कहना है कि पार्टी आलाकमान जल्द ही इस मामले पर निर्णय लेगा।
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दिल्ली में मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के बीच हुई बैठक के बाद अब संभावना जताई जा रही है कि गेंद संघ के पाले में चली गई है। अब प्रदेशाध्यक्ष पद के लिए संघ के पदाधिकारियों से राय ली जा रही है तथा संघ से जुडे नेता की तलाश शुरू कर दी गई है। गौर हो कि जोधपुर सांसद गजेन्द्र ङ्क्षसह शेखावत भी संघ पृष्ठïभूमि से ही थे तथा उनके संघ में किए गए कार्यों को लेकर ही पार्टी आलाकमान उन्हें प्रदेश की कमान सौंपना चाहता था।
इधर, पार्टी सूत्रों के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर अशोक परनामी का इस्तीफा मंजूर नहीं किए जाने के कारण फिलहाल वे ही प्रदेशाध्यक्ष है किन्तु परनामी इस्तीफा देेने के बाद एक बार भी भाजपा कार्यालय नहीं आए। भाजपा की आधिकारिक वेबसाइट पर अभी भी अशोक परनामी ही राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर नजर आ रहे है। उनके नहीं आने के कारण अब सभी बैठकें उनकी अनुपस्थिति में राज्यसभा सासद मदनलाल सैनी और संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर ले रहें हैं।