भाजपा केन्द्रीय नेतृत्व ने पूर्व मुख्यमंत्री राजे को प्रचार के लिए नही दी जिम्मेदारी

liyaquat Ali
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file photo p.m narendra modi,c.m vasundhara raje

 

इन दोनो चरणों के प्रचार में प्रदेश के लगभग 71 नेता है शामिल

नेताओं में इस विषय की चर्चा
जयपुर
प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दोनों चरण संपन्न होने के बाद प्रदेष के नेता दूसरे राज्यों में प्रचार के लिए जिम्मेदारी दी गई है। वही उन्होंने दूसरे राज्यों में पार्टी के नेताओं ने कमान संभाल भी ली है। पार्टी की कोशिश है कि बचे हुए चरणों में भी एकजुट होकर पूरी जान फूंकी जानी चाहिए। जिससे पार्टी के पक्ष में ज्यादा मजबूत माहौल तैयार किया जा सके।
वही दूसरी ओर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे परिदृश्य में नहीं दिख रहीं। इसकी प्रदेष के नेताओं में ज़रूर है। लेकिन वसुंधरा राजे का नाम इस लिस्ट में कहीं नहीं दिखा।
अब पार्टी में भी चर्चा इसी बात को लेकर है कि केन्द्रीय नेतृत्व ने आखिर वसुंधरा राजे को प्रचार अभियान से दूर क्यों रखा? वही प्रदेष में एक दौर था, जब भाजपा ही वसुंधरा और वसुंधरा ही भाजपा की बात कही जाती थी, लेकिन अब कोई नेता खुले तौर पर इस मुद्दे पर बात करना नहीं चाहता। पहले इस तरह के दावे करने वाले लोग तो दबी आवाज़ में या ऑफ-रिकॉर्ड भी ऐसी बात ही नहीं करना चाहते, लेकिन पार्टी कार्यकर्ता जानना चाहता है कि वसुंधरा राजे पार्टी मे कितनी अहमियत रखती हैं?
लोकसभा चुनाव के आखिरी दो चरण में भाजपा के केन्द्रीय नेतृत्व ने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे को प्रचार के लिए कहीं नहीं भेजा। उन्होने यहां तक कि ग्वालियर के पूर्व राज घराने से ताल्लुक रखने वाली राजे को मध्य प्रदेश में भी प्रचार की ज़िम्मेदारी नहीं दी गई। ऐसे में कार्यकर्तओं के मन में यही सवाल है कि आखिर ऐसा क्यों हुआ।
प्रदेष में दोनो चरणों में चुनाव संपन्न हो चुके हैं, लेकिन अभी भी देश में दो चरणों के चुनाव होना बाकी है।
छठे चरण में 12 तारीख को राजस्थान सीमा से लगे मध्यप्रदेश, हरियाणा, दिल्ली और उत्तरप्रदेश समेत सात राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होना है। इसके साथ ही सातवें चरण में भी मध्यप्रदेश, पंजाब, उत्तर-प्रदेश समेत आठ राज्यों की 59 सीटों पर मतदान होगा।
इन सभी स्थानों के लिए राजस्थान से 71 नेताओ को विभिन्न राज्यों में जाकर चुनाव की बागडोर संभालने की जिम्मेदारी दी गयी है। ओम माथुर, गुलाबचंद कटारिया, राजेंद्र राठौड़, अरुण चतुर्वेदी सहित भाजपा के मौजूदा सांसद प्रत्याशियों के साथ ही कई विधायक और पूर्व विधायक दूसरे राज्यों में प्रचार कर रहे हैं।
पार्टी के लिए प्रचार की कमान संभालने वालों में पूर्व मन्त्री अरुण चतुर्वेदी के साथ ही कालीचरण सराफ और मोहनलाल गुप्ता भी दिल्ली में सक्रिय हैं। अरुण चतुर्वेदी तो पश्चिमी दिल्ली में अपना काम करने के बाद सीधे ही पंजाब की बची सीटों पर आखिरी चरण के चुनाव प्रचार प्रचार के लिए चले जाएंगे।
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