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जयपुर । राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए प्रदेश भाजपा फूंक फूंक कर कदम रख रही है। मानवेन्द्र सिंह के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा पदाधिकारी और आलाकमान अन्य नेताओं की नाराजगी से बचने का रास्ता निकाल रहें हैं। इस कडी में हाल ही जिलाध्यक्षों को चुनाव नहीं लडवाने के निर्णय पर भी मंथन शुरू कर दिया है। चुनाव प्रबंधन समिति के इस निर्णय के विरोध में अधिकांश जिलाध्यक्ष अपने पद से इस्तीफा देने की तैयारी में हैं। ऐसे में अब पार्टी ने साफ छवि और जनाधार वाले जिलाध्यक्षों को टिकट देने का मन बनाया है।
ज्ञात हो कि गत माह राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की अध्यक्षता में हुई चुनाव प्रबंधन समिति की पहली बैठक में निर्णय किया गया था कि जिलाध्यक्षों को टिकट नहीं दिया जाएगा, अगर कोई चुनाव लडऩा चाहता है तो उसे पद से इस्तीफा देना होगा। इस्तीफा देने के बाद भी टिकट पक्का नहीं माना जाएगा। पार्टी के इस निर्णय का जिलाध्यक्षों ने अंदरूनी विरोध शुरू कर दिया था और कई जिलाध्यक्ष तो अपना इस्तीफा देने को तैयार हो गए थे। ऐसे में अब पार्टी ने बीच का रास्ता निकालते हुए जिताऊ जिलाध्यक्षों को टिकट देने की तैयारी की है। इसके लिए हाल ही में विधानसभा चुनाव प्रभारी और केन्द्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर ने जिलाध्यक्षों की बैठक में कहा था कि जो जिलाध्यक्ष जिताऊ होगा तो उसे जरूर टिकट दिया जाएगा।
संगठन के लिए जिलाध्यक्ष का पद बहुत महत्वपूर्ण है और जिले की राजनीति जिलाध्यक्ष के इर्द गिर्द ही घूमती है। उम्मीदवारों के प्रचार-प्रसार, नेताओं के दौरे, झंडे-बैनर, बैठकें सहित संगठन के महत्वपूर्ण कार्य जिलाध्यक्ष के हाथ में ही होते हैं। ऐसे में जिलाध्यक्षों की नाराजगी का खामियाजा पार्टी को भुगतना पड सकता था। इसी वजह से पार्टी को अपने निर्णय से पीछे हटना पड़ा है।