जयपुर। बीजेपी ने अपने चुनावी रणनीति को संघ सिस्टम पर डाल दिया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तर्ज पर बीजेपी अब पार्टी संगठन को तीन प्रांतो में विभक्त कर चुनावी रणनीति बनाने का कार्य करेगी। चितौड़, जयपुर और जोधपुर प्रांतो का जिम्मा चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजको को सौंपा गया है।
शीर्ष नेता जिलों में जाकर रुठों को मनाने के साथ ही टिकट के लिये उपयुक्त उम्मीदवारों की तलाश का काम भी करेंगे। कार्य पूरा होने के बाद रिपोर्ट अमित शाह को सौंपी जाएगी। 200 विधानसभा को क्षेत्रों को कवर करेगी त्रिस्तरीय कमेटी। चुनावी मौसम में राज्य भाजपा को फरर की तर्ज पर बांटा गया है। संघ नजरिये के अनुसार भाजपा में तीन प्रांत के आधार चुनावी रणनीति बना दी गई है। चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक गजेन्द्र सिंह शेखावत और दोनों उप संयोजकों अर्जुन राम मेघवाल और सतीश पूनिया को जिम्मा सौंपा गया है। चितौड़, जयपुर, जोधपुर प्रांतो का जिम्मा प्रमुख नेताओं को दिया गया।
चितौड़ प्रांत: संगठन महामंत्री चंद्रशेखर,केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत को जिम्मा। उदयपुर, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, राजसमंद, भीलवाड़ा, प्रतापगढ़, अजमेर, सागवाड़ा, निम्बाहेडा, ब्यावर, शाहपुरा, कोटा, झालावाड़, छीपा बडौद और भवानी मंडी । संघ आधारित जिलों की संख्या के आधार पर चितौड सबसे बड़ा प्रांत।
जयपुर प्रांत: भाजपा प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना,केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल को जिम्मा। सीकर, चूरु, झुंझुनूं,, अलवर, भरतपुर, धौलपुर, जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, करौली, बस्सी, सांभर, सांगानेर समेत प्रमुख़ जिले।
जोधपुर प्रांत: भाजपा राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री वी सतीश, प्रदेश प्रवक्ता सतीश पूनिया को जिम्मेदारी । जोधपुर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ, सूरतगढ, नागौर,
पाली, सिरोही, जालोर, बाडमेर, जैसलमेर, फलौदी समेस प्रमुख जिले।
यह करेंगे कार्य
— संघ की तर्ज पर प्रांतो के सभी जिलों को देखेंगे
— 10 से 18अक्टूबर के बीच करेंगे विभिन्न जिलों के दौरे
— 18 अक्टूबर तक देनी है अमित शाह को रिपोर्ट
— चुनाव प्रबंधन, प्रचार प्रसार
— संगठन का सशक्तिकरण , रुठों को मनाना
— पुराने-वरिष्ठ नेताओं से मिलना, उम्मीदवारों को ढूंढना समेत कई कार्य
सोशल इंजीनियरिंग
गजेन्द्र सिंह शेखावत- राजपूत वर्ग को साधने के लिये चितौड प्रांत देखेंगे गजेन्द्र सिंह शेखावत। मेरवाड़ा, मेवाड़, हाड़ौती और वागड़ में राजपूतों का व्यापक प्रभाव।अर्जुन राम मेघवाल- पूर्वी राजस्थान में शेखावाटी में दलित वोटों को साधेंगे । शेखावाटी रहा मेघवाल की कर्मस्थली। चूरु कलेक्टर के तौर पर रही है पहचान। वहीं बसपा के प्रभाव को रोकना चुनौती।सतीश पूनिया – संगठन की व्यापक नॉलेज । जोधपुर प्रांत में जाट पॉलिटिक्स को बैलेंस करेंगे । मानवेन्द्र सिंह-हनुमान बेनीवाल उनके सामने चुनौती ।
संघ का साथ
अपने दौरों में बीजेपी नेता ले सकते है संघ की मदद । जिला प्रचारकों से फीडबैक लेने का करेंगे काम। संघ से जुड़े विभाग प्रचारकों से भी मदद ले सकते है। चुनाव प्रबंधन कमेटी के नेताओं को तीनों प्रांतो को कवर करने के लिये कम समय में अधिक दौडऩा पडेगा। एक नेता के पास कम से कम 50 विधानसभा सीटों तक 10दिनों तक पहुंचना किसी चुनौती से कम नहीं है। बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नेताओं से दो टूक कहा भले ही सोये नहीं, दिन रात एक कर निष्पक्ष फीडबैक रिपोर्ट तैयार करे, जाहिर है टिकट वितरण में रिपार्ट मददगार हो सकती है।