तबादलो की चपेट में आए बडे अधिकारी, नहीं कर पा रहे काम

 

जयपुर।
अशोक गहलोत सरकार का गठन होने के बाद ब्यूरोक्रेट्स तबादला एक्सप्रेस की चपेट में आ गए हैं. बार बार तबादलों से आईएएस अफसर परेशान हो गए हैं. कुछ अधिकारियों के तो दो महीने में ही दो या तीन बार विभाग बदल दिए गए हैं. तबादलों से आजिज आ चुके कुछ अधिकारी मुख्य सचिव डीबी गुप्ता को पत्र लिखकर अपना दुख भी जाहिर कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार ने पहली तबादला सूची 18 दिसंबर को जारी की थी. इसमें 40 आईएएस अधिकारियों के तबादले किए गए थे. ठीक एक सप्ताह बाद 25 दिसंबर को एक के बाद एक तीन तबादला सूची जारी की गई. इसमें 18 दिसंबर को बदले गए कुछ अधिकारियों को भी इधर से उधर कर दिया गया. उसके बाद भी लगातार विभिन्न स्तर के अधिकारियों के तबादलों की सूचियां जारी होती रही है।
आईएएस अधिकारियों के तबादलों में न्यूनतम दो साल के कार्यकाल के मानक को पूरा नहीं किया जा रहा है. किसी विभाग में दो साल तक एक साथ काम करने के बजाय कुछ माह में ही अफसर इधर से उधर किए जा रहे हैं. बात चाहे जिलों में कलक्टर या एसपी की हो या फिर सचिवालय या पुलिस मुख्यालय के अफसरों की हर स्तर पर तबादले की मार पड़ रही है।
प्रमुख सचिव नरेशपाल गंगवार- स्कूली शिक्षा से हटाकर आयोजना एवं आईटी भेजा. अब ऊर्जा विभाग का जिम्मा
प्रमुख सचिव आर वेंटेश्वरन- विभागीय जांच आयुक्त हटाकर बागवानी का निदेशक बनाया. फिर पशुपालन का जिम्मा दिया. अब स्कूल शिक्षा का जिम्मा.
प्रमुख सचिव रोली सिंह- महिला एवं बाल विकास से हटाकर उच्च तकनीकी शिक्षा विभाग में लगाया. अब कार्मिक विभाग की कमान.
टी. रविकांत- संभागीय आयुक्त जयपुर से हटाकर कार्मिक विभाग लगाया. अब जेडीसी का जिम्मा.
जगरूप सिंह यादव- पहले विशेष कैबिनेट सचिव लगाया. अब जयपुर के कलक्टर का जिम्मा
पवन गोयल- यूडीएच से हटाकर कृषि आयुक्त का जिम्मा. दोबारा यूडीएच का प्रभार दिया. अब कृषि विभाग के एसीएस का जिम्मा
शुचि त्यागी- कलेक्टर भीलवाड़ा से हटाकर वित्त में लगाया. अब राज्य निर्वाचन आयोग में लगाया.
बाबूलाल कोठारी- कलेक्टर जालोर से हटाकर निदेशक डीपीआईआर लगाया. अब कर बोर्ड अजमेर का सदस्य बनाया.
भास्कर ए सांवत- कार्मिक विभाग से हटकार स्कूल शिक्षा का जिम्मा दिया. अब यूडीएच की कमान दी.