भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आनंद शर्मा को नागवार गुजरी मीडिया की सच्चाई
जयपुर । जंहा एक और मुख्यमंत्री पार्टी के हित के लिए मीडिया प्रकोष्ठ को मजबूत बनाने में लगी है, वही दूसरी और पार्टी पदाधिकारी इसे कमजोर करने में लगे है। जी, हां! हम बात कर रहे हैं भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रकोष्ठ की। इस प्रकोष्ठ में आजकल दो मुखिया अपनी मनमर्जी के मालिक बने बैठै हैं। इन मीडिया प्रमुखों का कार्य एक पदाधिकारियों के माध्यम से मीडिया से संबंध रखने का है, तो दूसरे सीधे पत्रकारों को सूचनाएं देने का है। खबरों के प्रकाशन, सरकारी योजनाओं को जनता तक पहुंचाने के लिए समय—समय पर विज्ञप्तियों का मीडिया संस्थानों व पत्रकारों तक उनका प्रसार करना होता है।
लेकिन ठीक इसके विपरित मीडिया प्रमुख अपनी मनमानी कर मीडिया से बिगाड़ करने में लगे है। भाजपा के इस महत्वपूर्ण प्रकोष्ठ ने कुछ पत्रकारों को न केवल सूचनाएं भेजना बंद कर दिया गया है बल्कि व्हाट्एप्प ग्रुप्स से बाहर कर दिया है। फोन कर भाजपा की योजनाओं, बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचनाएं देना ही बंद कर दिया गया है। जबकि चुनाव नजदीक है, और मीडिया के साथ ये रवैया पार्टी के सामने कई मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
गलती पर भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आनंद शर्मा ने नही लिया सबक
बीते दिनों जब पीएम नरेंद्र मोदी की जयपुर में सभा आयोजित की गई, तो उससे पहले पार्टी के पदाधिकारियों और मंत्रियों ने भूमि पूजन कर अमरूदों के बाग में पूजा—अर्चना की। इस कार्यक्रम की प्रेस विज्ञप्ति व फोटो पत्रकारों को ई—मेल की गई। इस ई—मेल में मीडिया प्रकोष्ठ ने नव निवार्चित अध्यक्ष मदनलाल सैनी को दरकिरार कर दिया। इसको लेकर जहां सोशल मीडिया पर थू—थू हुई, वहीं कुछ मीडिया संस्थानों व पत्रकारों ने भी इस मुद्दे को इस प्रकोष्ठ की गलती मानते हुए उजागर किया। यह खबर मीडिया के माध्यम से खुद अध्यक्ष मदनलाल सैनी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंच गई।
इससे सबक लेने के बजाय भाजपा मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आनंद शर्मा को नागवार गुजर गई। प्रकोष्ठ के प्रमुख आनंद शर्मा ने इन सभी खबरों को खंगाला और जिन पत्रकारों ने यह खबर प्रकाशित की या डिजीटल मीडिया पर चलाई, उनको भाजपा के सूचना तंत्र से बाहर का रास्ता दिखा दिया। बकायदा खुली चेतावनी दी कि हमारे खिलाफ कोई खबर आए तो आपको हम सूचनाएं ही नहीं देंगे, इस खबर की सजा आप लोगों को बीजेपी के सूचना तंत्र से बाहर होने के रूप में भुगतनी ही पड़ेगी। खबर को कवर करने वाले पत्रकारों को यहां तक चेताया कि आपको भाजपा मुख्यालय में नहीं घुसने पर भी रोक लगाने का कदम उठा सकते हैं।
पत्रकारों को सूचनाएं भेजना किया बंद
उसी दिन, 6 जुलाई 2018 से भाजपा के इस महत्वपूर्ण प्रकोष्ठ ने कुछ पत्रकारों को न केवल सूचनाएं भेजना बंद कर दिया, व्हाट्एप्प ग्रुप से बाहर कर दिया, मैसेज करना बंद कर दिया और फोन कर भाजपा की योजनाओं, बैठकों और प्रेस कॉन्फ्रेंस की सूचनाएं देना ही बंद कर दिया गया है। नतीजा यह हो रहा है कि जहां पूरा देश—दुनिया डिजीटल माध्यम से प्रचार—प्रसार कर रहा है, वहीं भाजपा की योजनाएं डिजीटल मीडिया व प्रिंट मीडिया के माध्यम से आमजन तक पहुंचा करीब—करीब बंद सी हो गई। इसी तरह का एक्शन मीडिया प्रकोष्ठ के प्रमुख आनंद शर्मा ने कुछ अखबारों के पत्रकारों के साथ भी लिया है। इस बात की शिकायत अब अन्य पदाधिकारियों के माध्यम से अध्यक्ष मदनलाल सैनी व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंच चुकी हैं। अब देखना ये है, कि पार्टी के बड़े पदाधिकारी इस पर क्या कार्रवाई अमल में लाते है।