
जयपुर
राज्य में विधानसभा चुनावों में चार दर्जन से अधिक राजनीतिक दलों ने चुनावी ताल ठोकी थी। इसमें से दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस के अलावा प्रदेश में नई पार्टी का गठन कर चुनावी मैदान में ताल ठोकने वाले नेताओं में राष्टï्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल ने जीत दर्ज की है। इसके अलावा दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी भी यहां कोई विशेष प्रदर्शन नहीं कर पाई वहीं बसपा का प्रदर्शन उल्लेखनीय करते हुए छह सीटों पर विजयश्री प्राप्त की। माक्र्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने भी वापसी करते हुए दो सीटों पर जीत दर्ज की है वहीं समाजवादी पार्टी अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही है।
बेनीवाल की पार्टी के कई प्रत्याशियों ने भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के प्रत्याशियों को कडी टक्कर भी दी। बेनीवाल की पार्टी में खींवसर से वे स्वयं और मेडता से इंद्रा देवी व भोपालगढ़ से पुखराज ने जीत दर्ज की है। बेनीवाल के अलावा भाजपा से अलग होकर नई पार्टी बनाने वाले घनश्याम तिवाडी की नैया डूब गई। तिवाडी सांगानेर की अपनी सीट तक को नहीं बचा पाए वहीं प्रदेश में उनकी पार्टी का कोई प्रत्याशी जीत के करीब नहीं पहुंच पाया।
घनश्याम तिवाडी की भारत वाहिनी पार्टी के सभी 62 प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा है। उन्होंने परिणाम आने के बाद वक्तव्य जारी कर कहा कि हमने पार्टी के रूप में भी और व्यक्तिगत रूप से भी अपनी पराजय स्वीकार कर ली है। मेरे कार्यकर्ताओं का मुझे अत्यंत स्नेह मिला जिसका मैं हृदय से आभारी हूं। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बन रही नयी सरकार को मेरी शुभकामनायें हैं। वह जनहित में अपना कार्य करे ऐसी आशा है। पिछले विधानसभा चुनावों में 4 विधायकों के साथ अपनी दमदार उपस्थित दर्ज करवाने वाली राजपा भी इस बार खाता नहीं खोल पाई।