बेनीवाल—तिवाडी की उम्मीदों को झटका, भाजपा कांग्रेस के बागी नहीं मिले

liyaquat Ali
2 Min Read

 

जयपुर । विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और भाजपा से नाता तोडऩे वाले नेताओं ने घनश्याम तिवाडी और हनुमान बेनीवाल के तीसरे मोर्चे को नकार दिया। इतना ही नहीं पार्टी से बागी हुए नेताओं ने इस बार बहुजन समाज पार्टी(बसपा) और आम आदमी पार्टी(आप)का दामन भी नहीं थामा। दल बदल के तहत नेताओं ने कांग्रेस और भाजपा को छोडकर एक दूसरे का दामन थाम लिया।
नेताओं के दल बदलने का सिलसिला भाजपा और कांग्रेस की उम्मीदवारों की सूची आने से कुछ समय पहले शुरू हो गया था और नामांकन से एक दिन पहले तक चलता रहा। इन सबके बीच बेनीवाल और तिवाड़ी को उम्मीद थी कि कांग्रेस और भाजपा से छिटकाए गए नेता उनकी शरण में आएंगे लेकिन दोनों नेताओंं को निराशा हुई है।
भाजपा सांसद हरीश मीना और नागौर से टिकट की दावेदारी कर रहे हबीबुर्रहमान ने भी पार्टी छोड़ दी लेकिन इन्होंने कांग्रेस में जाना ज्यादा मुनासिब समझा। मानवेन्द्र सिंह ने भी भाजपा से बगावत की लेकिन तीसरे मोर्चे की किसी भी पार्टी को ज्वॉइन नहीं किया। बीजेपी के दूसरे कई नेता भी पार्टी से खफा हुए लेकिन फिर भी उन्होंने तिवाड़ी और बेनीवाल से दूरी बनाए रखी। हेमसिंह भड़ाना,राजकुमार रिणवां,सुरेन्द्र गोयल,ओमप्रकाश हुड़ला आदि नेता निर्दलीय चुनावी मैदान में उतर गए लेकिन इन्होंने भी कोई दूसरी पार्टी ज्वॉइन नहीं की।
कांग्रेस की उम्मीदवारों की सूची जारी हुई उसमें भी कई बड़े नेताओं के टिकट काटे गए। राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा,कोटा से पूर्व सांसद इज्येराज सिंह की पत्नी कल्पना राजे और अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे रामकिशोर सैनी कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए लेकिन इन्होंने भी किसी दूसरे दल में जाना उचित नहीं माना।
तिवाड़ी और बेनीवाल ही संस्थापक के तौर पर अपनी-अपनी पार्टियों का झंडा बुलंद किए हुए हैं। राजपा से भाजपा में आई गीता वर्मा ने भारत वाहिनी पार्टी और कांग्रेस से खफा  स्पर्धा चौधरी ने लोकतांत्रिक पार्टी से जुड़कर दोनों दलों को संजीवनी दी है लेकिन मौजूदा परिदृश्य में ये काफी नहीं है।
Share This Article
Follow:
Sub Editor @dainikreporters.com, Provide you real and authentic fact news at Dainik Reporter.
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *