राजस्थान में रजिस्ट्री से पहले सब रजिस्ट्रार को मौके पर लेनी होगी सेल्फी फिर होगी

Urban Olympics from January 26, sports ground in encroachment and dilapidated condition

जयपुर/ राजस्थान सरकार ने स्टांप चोरी पर लगाम लगाने और उसे बंद करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए अब आदेश जारी किए हैं कि रजिस्ट्री से पहले सब रजिस्ट्रार को जिस जमीन और भूमि की रजिस्ट्री की जा रही है ।

उसकी मौके पर जाकर सेल्फी लेकर एप पर अपलोड करनी पड़ेगी उसके बाद उस भूमि की रजिस्ट्री की जाएगी।

राजस्थान में 2500000 रुपए से अधिक गुल्ले की जमीन भवन कृषि भूमि की रजिस्ट्री करने से पहले सब रजिस्ट्रार को मौके पर जाकर उस जमीन भूमि और बिल्डिंग की सेल्फी और फोटो लेने होगी।

यह फोटो और सेल्फी फोटो एप पर अपलोड करनी होगी ताकि ऑनलाइन डीएलसी के आधार पर ही स्टैंप ड्यूटी ओं रजिस्ट्रेशन फीस वसूली जा सके ऐप और फोटो में गूगल में से संपत्ति था जमीन की स्थिति अर्थात लोकेशन भी दर्ज होगी।

इस प्रक्रिया से भवन संपतिया कृषि भूमि के विवाद दो की रजिस्ट्री से पहले ही जानकारी होने से फर्जी रहती है पर भी रोक लगेगी पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग ने कहीं भी पंजीयन योजना के तहत इस नियम को लागू किया है ।

सूत्रों के अनुसार राजस्थान में हर साल करीब 2500000 से अधिक रजिस्ट्री होती है और इनमें से करीब करीब 10 लाख से अधिक संपत्ति की रजिस्ट्री होती है।

कैसे होगा निरीक्षण

रजिस्ट्री के लिए खरीदार और बेचने वाला 52 या जमीन की रजिस्ट्री के लिए सब रजिस्ट्रार कार्यालय में ऑनलाइन चेक लिस्ट दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे रजिस्ट्री के साथ sub-registrar दस्तावेजों की जांच करेंगे ।

और स्तुति अर्थात लोकेशन के आधार पर सिस्टम प्राप्त लोड करेंगे और उसके बाद सब रजिस्टार के क्षेत्र में उक्त भवन जमीन होगी तो वे स्मार्टफोन से जमीन की लोकेशन खोलकर सेल्सियस फोटो अपलोड करेंगे।

अब तक ऐसे होती थी

अब तक रजिस्ट्री की प्रक्रिया की थी कि पच्चीस लाख से अधिक कीमत के रजिस्ट्री में पहले खरीदार और विक्रेता आवेदन तथा रजिस्ट्री के समय 52 उस जमीन की फोटो लगाई जाती थी और फिर सब रजिस्टार को मौके का निरीक्षण करना होता था ।

लेकिन सब रजिस्टार मौके पर निरीक्षण करने नहीं जाते थे और ऑफिस में ही बैठकर उसकी रिपोर्ट बना दिया करते थे और सब रजिस्टार रिपोर्ट को मैनुअली पोर्टल पर अपलोड करते थे ।

इससे कई बार इस टाइम ड्यूटी चोरी के बड़े मामले सामने आए थे और 25 लाख से अधिक कीमत की कृषि भूमि की रिपोर्ट पटवारी करता है और पटवारी भी इस रिपोर्ट को करने के लिए मौके पर नहीं जाते इससे फर्जीवाड़ा होता था लेकिन अब एक नई व्यवस्था से इन सब पर रोक लग जाएगी।