नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की अखिल भारतीय कार्यकारिणी मंडल की तीन दिनों तक ठाणे के भयंदर में चलने वाली बैठक के बाद संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी ने कहा कि राम मंदिर पर कोर्ट के फैसले में देरी हो रही है। जरूरत पड़ी तो राम मंदिर पर 1992 जैसा आंदोलन करेंगे।
जोशी ने कहा कि संघ सरकार पर इसके लिए कोई दबाव नहीं बना रहा क्योंकि हम कानून और संविधान का सम्मान करते हैं। आज सुबह यहां भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की जिसमें अनेक मुद्दों के साथ राम मंदिर के विषय पर भी चर्चा हुई। हम उच्चतम न्यायालय का सम्मान करते हैं और उनसे अनुरोध करते हैं कि हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखा जाए।
अदालत के फैसले का इंतजार लंबा हो गया है चूंकि मामला 29 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध था, तो हमें लगा कि हिंदुओं को दिवाली से पहले खुशखबरी मिल जाएगी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई टाल दी। उच्चतम न्यायालय ने 29 अक्टूबर को राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में सुनवाई जनवरी, 2019 के पहले सप्ताह के लिए स्थगित कर दी।
जोशी ने कहा कि यह दुख और पीड़ा का विषय है कि जिसे हिंदू अपनी आस्था मानते हैं और जिससे उनकी भावनाएं जुड़ी हैं वह अदालत की प्राथमिकता सूची में नहीं है। उन्होंने कहा कि संघ अपेक्षा करता है कि अदालत हिंदुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए इस मुद्दे पर फैसला सुनाए। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर निर्माण का रास्ता निकालने के लिए कानूनी मंजूरी जरूरी है। जब राम मंदिर के जल्द निर्माण के लिए अध्यादेश लाने की संघ परिवार के अनेक संगठनों की मांग के बारे में पूछे जाने पर जोशी ने कहा कि यह सही है।