अशोक गहलोत ने ढाई साल बाद भी अल्पसंख्यक बोर्ड निगमों में नियुक्तियों से वंचित

Dr. CHETAN THATHERA
4 Min Read

Jaipur/अशफाक कायमखानी। हालांकि कुछ संवेधानिक पदों पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत(Chief Minister Ashok Gehlot) द्वारा अपने कुछ खासमखास लोगो को पिछले दिनों में एक एक करके नियुक्त करने के अलावा तमाम तरह के बोर्ड व निगम सहित अन्य राजनीतिक नियुक्तियां (Political appointments) करने से गहलोत ने पूरी तरह दूरी बना कर सत्ता मे भागीदारी बांटने की बजाय अपने आपको एक मात्र सत्ता का केन्द्र बनाये रखने की भरपूर कोशिश की है।

लेकिन सत्ता मे भागीदारी मिलने की उम्मीद लगा कर इंतजार मे बेठे राजनेताओं का गुस्सा नियुक्तिया नही मिलने से अब बाहर झलकने लगा है।इसके अतिरिक्त राजनीति मे लाचार व बंधुआ वोट बैंक की तरह राजस्थान की राजनीति मे भाजपा के मुकाबले कांग्रेस के चिपके रहने को मजबूर अल्पसंख्यक समुदाय के सम्बंधित बोर्ड व निगमों पर भी किसी तरह की नियुक्तियां अभी तक नही होने से असहाय समुदाय गहलोत की तरफ हताशा पुर्वक टक टकी लगाये बेठने को मजबूर नजर आ रहा है।

भाजपा सरकार (BJP Government) के समय गठित राजस्थान वक्फ बोर्ड (Rajasthan Waqf Board) का कार्यकाल इसी 8-मार्च को पुरा हो चुका है। हज जैसे पवित्र सफर का इंतजाम करने के गठित राजस्थान राज्य हज कमेटी (Rajasthan State Haj Committee) का गठन गहलोत सरकार ने अभी तक नही करके कोई अच्छा संदेश नही दिया है। उर्दू जबान की तरक्की व फला के साथ साथ उसके विकास की राह मे आने वाली रुकावटो को दूर करने के लिये गठित होने वाली राज्य उर्दू एकेडमी (State Urdu Academy) का अभी तक गठन नही करने से गहलोत की उर्दू के प्रति भावना को उजागर करता है।

अशिक्षा का दंश झेल रहे मुस्लिम समुदाय (Muslim community) को शिक्षा की तरफ आकर्षित करने मे मदरसों का अहम किरदार माना जाता है। मदरसों मे जदीद तालीम का इंतेजाम करने के अलावा मदरसो का आधारभूत ढांचा ठीक करने के अतिरिक्त मदरसा पैराटीचर्स की समस्याओं का हल तलाशने के लिये गठित होने वाले राजस्थान मदरसा बोर्ड (Rajasthan Madrasa Board) का गठन अभी तक नही होना सरकार की अल्पसंख्यकों को शिक्षित करने की मंशा को साफ साफ उजागर करता है।

अल्पसंख्यक समुदाय (Minority community) के सम्बंधित मामलो पर संज्ञान लेकर सरकार को सलाह देने के लिये गठित होने वाला राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग का भी गठन नही होने से समुदाय पर हो रहे अन्याय की सुनवाई का एक दरवाजा पुरी तरह बंद हो चुका है। पर सरकार के कानो तक अभी तक जू तक नही रेंग रही है। इसी तरह राजस्थान वक्फ विकास परिषद व मेवात विकास बोर्ड का गठन हमेशा की तरह अभी तक बकाया चल रहा है।

इसके अलावा राजस्थान अल्पसंख्यक विकास (Rajasthan Minority Development) एव वित्त विकास परिषद (Finance Development Council) का गठन भी बकाया चल रहा है। इसके अतिरिक्त जिला स्तर पर अल्पसंख्यक उत्थान व उनके सम्बंधित योजनाओं पर नजर रखने के लिये गठित होने वाली पंद्रह सूत्री कार्यक्रम समितियों (Fifteen point program committees) मे मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं का मनोनयन एक भी जगह नही हुवा है।

कुल मिलाकर यह है कि प्रदेश मे कांग्रेस सरकार गठित करवाने मे कांग्रेस के पक्ष मे एक मुश्त मतदान करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय का अपने आपको हितेषी बताने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय सम्बंधित सरकारी स्तर पर गठित होने वाले बोर्ड-निगम व समितियों का गठन अभी तक नही करना लोकतन्त्र मे एक तरह से खुला मजाक माना जा सकता है। जबकि ऐसा नही होने से मुख्यमंत्री की छवि के विपरीत उसकी अल्पसंख्यक विरोधी छवि समुदाय मे तेजी के साथ पनपती जा रही है।

News Topic :Chief Minister Ashok Gehlot,Political appointments,BJP Government,Rajasthan Waqf Board,Rajasthan State Haj Committee,State Urdu Academy,Muslim community,Rajasthan Madrasa Board,Minority community,Rajasthan Minority Development,Finance Development Council,Fifteen point program committees

Share This Article
Follow:
चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम