अशोक गहलोत गांधीवादी मूल्यों से राजनीति का सफर

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने परिवार के साथ

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जननायक के रूप में जाने जाते हैं इन दिनों कोरोना संक्रमण के चलते क्वॉरेंटाइन है पत्नी सुनीता गहलोत भी कोरोना टेस्ट के बाद पॉजिटिव आई थी वह भी क्वॉरेंटाइन है ऐसे में जन भावनाओं का आदर करने वाले जननायक के जन्मदिन के अवसर पर इतना ही कहा जा सकता है

“वक़्त की गर्दिशों का ग़म न करो
हौसले मुश्किलों में पलते हैं …..”

ऑनलाइन रहते हुए भी अपनी आवाम की फिक्र करने वाले मुख्यमंत्री ऑनलाइन रहकर अपने कामों को तत्परता से निपटा रहे हैं नियमित रूप से कोरोना की महामारी से निपटने के लिए अपनी रणनीति पर कार्य कर रहे हैं पूरे राज्य की स्थिति पर नजर रखें हुए अधिकारियों को मुस्तैदी से कार्य करने के निर्देश देते हैं प्रत्येक जिले और तहसील स्तर तक पेनी नजर रख रहे हैं अपने स्वास्थ्य की परवाह किए बगैर महामारी से निपटने के लिए मुस्तैद रहकर कार्यरत है l

युवा अशोक गहलोत प्रधानमंत्री इंद्रा गाँधी के साथ

महात्मा गांधी के जीवन आदर्शों को अपने जीवन में उतारने वाले अशोक गहलोत 17 दिसम्बर 2018 से राजस्थान के मुख्यमंत्री का कार्यभार संभाले हुए हैं गहलोत ने देश में गांधी के जीवन आदर्शों पर इस स्तर तक लगन शीलता के साथ कार्य किया है कि उनको मारवाड़ का गांधी कहा जाने लगा है

राजीव गांधी के अशोक गहलोत साथ

आज ही के दिन 3 मई 1951 को जोधपुर में जन्मे अशोक गहलोत पर गांधी विचार का प्रभाव पड़ा जाने-माने गांधीवादी विचारक डॉ एसएन सुब्बाराव के संपर्क में आने के बाद उस समय की देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से बालक अशोक से मुलाकात हुई और संजय गांधी राजीव गांधी से नजदीकियां बन यही नजदीकी आगे चलकर श्रीमती सोनिया गांधी और अब राहुल गांधी से भी बरकरार है अशोक गहलोत गांधीवादी विचारधारा से ऐसे राजनेता है

सोनिया गाँधी और अशोक गहलोत 

जिन्होंने इंदिरा गांधी के विश्वास से लेकर राहुल गांधी तक विश्वास बनाए रखने में सफलता हासिल की है इसके पीछे इनका कठिन परिश्रम और इमानदारी की है जिसके बूते सियासत में मजबूती बनाए हुए हैं अशोक गहलोत l

वर्धा गाँधी आश्रम में कांग्रेस

 

एस एन सुब्बाराव गांधीवादी विचारक और राष्ट्रीय युवा योजना के प्रणेता है. जिनकी उम्र 93 साल हो चुकी है. महात्मा गांधी के 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लेने वाले स्वतंत्रता सेनानी भाई जी डॉक्टर एसएन सुब्बाराव जब बांग्लादेश के शरणार्थियों के लिए शिविरों का आयोजन कर रहे थे ऐसे समय में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जब महज 12 साल के थे तब सुब्बाराव के संपर्क में आए थे.

अपने राजनीति गुरु डॉक्टर एसएन सुब्बाराव के साथ अशोक गहलोत

महज 20 साल की उम्र में अशोक गहलोत को मौका मिला कांग्रेस के अखिल भारतीय अधिवेशन इंदौर में भाग लेने का यहीं से गांधीवादी अशोक गहलोत कांग्रेस के अशोक गहलोत बने अधिवेशन में इंदिरा गांधी के साथ संजय गांधी से संपर्क हुआ संजय गांधी के करीबी साथियों में संपर्क के बाद अपनी योग्यता के बूते अशोक गहलोत ने छात्र राजनीति है में कदम रखा एनएसयूआई राजस्थान के अध्यक्ष बने अध्यक्ष बनने का रास्ता तय करवाया उस समय के जोधपुर के दिग्गज राजनेता बरकतुल्लाह खान ने

जोधपुर में जन्म

अशोक गहलोत (जन्‍म 3 मई 1951, जोधपुर राजस्‍थान) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनेता तथा राजस्थान के वर्तमान मुख्यमंत्री है लक्ष्‍मण सिंह गहलोत के घर जन्‍मे अशोक गहलोत ने विज्ञान और कानून में स्‍नातक डिग्री प्राप्‍त की तथा अर्थशास्‍त्र विषय लेकर स्‍नातकोत्‍तर डिग्री प्राप्‍त की,गहलोत का विवाह 27 नवम्‍बर, 1977 को सुनीता गहलोत के साथ हुआ। गहलोत के एक पुत्र वैभव गहलोत और एक पुत्री सोनिया गहलोत

बाल्यावस्था में संघर्ष का रास्ता अपनाया

बंगाल के बंगाँव और 24 परगना जिलों में वर्ष 1971 में बंग्‍लादेश युद्ध के दौरान आयोजित शरणार्थी शिविरों में काम किया। समाज सेवा में गहरी रूचि रखने वाले गहलोत ने तरूण शान्ति सेना द्वारा सेवाग्राम, वर्धा औरंगाबाद, इन्‍दौर तथा अनेक जगहों पर आयोजित शिविरों में सक्रिय रूप से कार्य किया तथा कच्‍ची बस्‍ती और झुग्‍गी क्षेत्रों के विकास के लिए अपनी सेवाएं दी।

 

राजस्थान के मुख्यमंत्री

आम चुनाव के बाद 17 दिसंबर 2018 को राजस्थान के मुख्यमंत्री निर्वाचित हुए वर्तमान में मुख्यमंत्री के रूप में बेहतरीन कार्य करते हुए कोरोना महामारी से निपटने में जुटे हुए हैं जन सेवा में समर्पित होकर कार्य कर रहे हैं l

इससे पूर्व 01/12/1998 से 08/12/2003 तक राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री रहे। उनका यह कार्यकाल अन्‍य महत्‍वपूर्ण उपलब्धियों के अलावा अभूतपूर्व सूखा प्रबन्‍धन, विद्युत उत्‍पादन, संसाधनों का विकास, रोजगार सृजन, औद्योगिक और पर्यटन विकास, कुशल वित्‍तीय प्रबन्‍धन और सुशासन के लिए जाना जाता है। मुख्‍यमंत्री के रूप में गहलोत के पहले कार्यकाल के दौरान राजस्‍थान में इस सदी का भयंकार अकाल पड़ा।

उन्‍होंने अत्‍यन्‍त ही प्रभावी और कुशल ढ़ंग से अकाल प्रबन्‍धन का कार्य किया। उस समय अकाल प्रभावित लोगों के पास इतना अनाज पहुँचाया गया था जितना अनाज ये लोग शायद अपनी फसलों से भी प्राप्‍त नहीं कर सकते थे। प्रतिपक्ष भी खाद्यान्‍न और चारे की अनुपलब्‍धता के सम्‍बन्‍ध में सरकार की तरफ अंगुली तक नहीं उठा सके क्‍योंकि गहलोत ने व्‍यक्तिगत रूप से अकाल राहत कार्यों की मॉनिटरिंग की थी।

गहलोत को गरीब की पीड़ा और उसके दु:ख दर्द की अनुभूति करने वाले राजनेता के रूप में जाना जाता है। उन्‍होंने ‘पानी बचाओ, बिजली बचाओ, सबको पढ़ाओ’ का नारा दिया जिसे राज्‍य की जनता ने पूर्ण मनोयोग से अंगीकार किया। अशोक गहलोत को 13 दिसम्‍बर, 2008 को दूसरी बार राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। 8 दिसम्‍बर, 2013 के चुनावी नतीजों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा के दिया।

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष

अशोक गहलोत को 3 बार प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्‍यक्ष रहने का गौरव प्राप्‍त हुआ है। पहली बार गहलोत 34 वर्ष की युवा अवस्‍था में ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष बन गये थे। राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष के रूप में उनका पहला कार्यकाल सितम्‍बर, 1985 से जून,

1989 की अवधि के बीच में रहा। 1 दिसम्‍बर, 1994 से जून, 1997 तक द्वितीय बार व जून, 1997 से 14 अप्रैल 1999 तक तृतीय बार वे पुन: राजस्‍थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्‍यक्ष पद पर रहे। वर्ष 1973 से 1979 की अवधि के बीच गहलोत राजस्‍थान NSUI के अध्‍यक्ष रहे l

केंद्रीय राजनीति में

वे तीन बार केन्‍द्रीय मंत्री बने। जब इन्दिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री थीं उस समय अशोक गहलोत 2 सितम्‍बर, 1982 से 7 फ़रवरी 1984 की अवधि में इन्दिरा गांधी के मंत्रीमण्‍डल में पर्यटन और नागरिक उड्डयन उपमंत्री रहे। इसके बाद गहलोत खेल उपमंत्री बनें। उन्‍होंने 7 फ़रवरी 1984 से 31 अक्‍टूबर 1984 की अवधि में खेल मंत्रालय में कार्य किया तथा पुन: 12 नवम्‍बर, 1984 से 31 दिसम्‍बर, 1984 की अवधि में इसी मंत्रालय में कार्य किया।

उनकी इस कार्यशैली को देखते हुए उन्‍हें केन्‍द्र सरकार में राज्‍य मंत्री बनाया गया। 31 दिसम्‍बर, 1984 से 26 सितम्‍बर, 1985 की अवधि में गहलोत ने केन्‍द्रीय पर्यटन और नागरिक उड्डयन राज्‍य मंत्री के रूप में कार्य किया। इसके पश्‍चात् उन्‍हें केन्‍द्रीय कपड़ा राज्‍य मंत्री बनाया गया। यह मंत्रालय पूर्व प्रधानमंत्री के पास था तथा गहलोत को इसका स्‍वतंत्र प्रभार दिया गया। गहलोत इस मंत्रालय के 21 जून 1991 से 18 जनवरी 1993 तक मंत्री रहे।

कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक वर्धा में

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के संगठन महासचिव बनने के बाद अशोक गहलोत ने गांधी विचारधारा के प्रति अपने समर्पण का संदेश देते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का राष्ट्रीय अधिवेशन वर्धा में 2 अक्टूबर 2018 को आयोजित करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया इससे पहले गांधी आश्रम में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अधिवेशन महात्मा गांधी के आह्वान पर सन 1942 को हुआ था इसके बाद भारत छोड़ो आंदोलन और फिर देश की आजादी के बाद से अब तक

कांग्रेस संगठन ने गांधी की कर्म स्थली की तरफ रुख नहीं किया था यह अशोक गहलोत का ही फैसला था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर गांधी की कर्म स्थली से कांग्रेस अपनी रणनीति तय करें और अपने कार्यक्रमों का निर्धारण करने के लिए अधिवेशन का आयोजन वर्धा के गांधी आश्रम में जिसमें कांग्रेस की कार्यसमिति के सदस्यों सहित पदाधिकारियों ने भाग लिया कांग्रेस का नेतृत्व वर्धा में रहा वहां पर गांधी के जीवन को देखने और समझने का अवसर संगठन महामंत्री अशोक गहलोत ने उपलब्ध करवाया

सांसद और राजनीति का सफर

गहलोत 7वीं लोकसभा (1980-84) के लिए वर्ष 1980 में पहली बार जोधपुर संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्‍होंने जोधपुर संसदीय क्षेत्र का 8वीं लोकसभा (1984-1989), 10वीं लोकसभा (1991-96), 11वीं लोकसभा (1996-98) तथा 12वीं लोकसभा (1998-1999) में प्रतिनिधित्‍व किया।

सरदारपुरा (जोधपुर) विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित होने के बाद गहलोत फरवरी, 1999 में 11वीं राजस्‍थान विधानसभा के सदस्‍य बने। गहलोत पुन: इसी विधानसभा क्षेत्र से 12वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए 04/12/2003 को निर्वाचित हुए तथा 13वीं राजस्‍थान विधानसभा के लिए 08/12/2008 को सरदारपुरा विधानसभा क्षेत्र से ही पुन: निर्वाचित हुए। 14 वीं राजस्थान विधानसभा मे पुनः निर्वाचित हुए। 15 वीं राजस्थान विधानसभा मे एक बार फिर निर्वाचित हुए व मुख्यमंत्री बने l

 

राजस्थान सरकार में

जून, 1989 से नवम्‍बर, 1989 की अल्‍प अवधि के बीच गहलोत राजस्‍थान सरकार में गृह तथा जन स्‍वास्‍थ्‍य अभियां‍त्रिकी विभाग के मंत्री रहे।

राजनीति के साथ समाज सेवा

भारत सेवा संस्‍थान के संस्‍थापक अध्‍यक्ष भी हैं। यह संस्‍थान समाज सेवा को समर्पित हैं तथा एम्‍बूलेन्‍स सेवा प्रदान करती है। इसके अलावा यह संस्‍थान राजीव गांधी मेमोरियल बुक बैंक के माध्‍यम से गरीब छात्रों के लिए नि:शुल्‍क पुस्‍तकें उपलब्‍ध करवाती है। संस्‍थान ने जोधपुर में राजीव गांधी सेवा सदन में एक वाचनालय भी स्‍थापित किया है। गहलोत राजीव गांधी स्‍टडी सर्किल, नई दिल्‍ली के भी अध्‍यक्ष हैं l

 

मुजीब अता आजाद

गांधीवादी विचारक एवं लेखक, महात्मा गांधी द्वारा स्थापित विभिन्न गांधीवादी संस्थाओं के प्रतिनिधि , राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा, सर्व सेवा संघ सहित अनेक संस्थाओं से जुड़ाव तथा आचार्यकुल, वर्धा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी 150वीं जन्म उत्सव समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं l
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