अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच राजनैतिक महाभारत अंतिम दौर मे, पायलट की दोंनो ही पदों पर होगी फिर ताजपोशी

Dr. CHETAN THATHERA
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Jaipur news । राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच 1 माह से चल रही राजनीतिक महाभारत का युद्ध अब अंतिम चरण में है विधानसभा सत्र के 4 दिन पूर्व आज अचानक सचिन पायलट की प्रियंका वाड्रा और राहुल गांधी के बाद कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी से कोई मुलाकात तथा सचिन पायलट द्वारा सोनिया गांधी राहुल और प्रियंका को खुलकर अपनी पीड़ा बताने और अपनी मांगे रखने के बाद सचिन पायलट के अपने खेमे के सभी विधायकों के साथ अपने घर कांग्रेसमें वापसी के साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की ताजपोशी के संकेत मिले हैं साथ ही सचिन खेमे के विधायकों को भी सरकार पार्टी मैं कुछ ना कुछ मिलने की संभावनाओं के भी संकेत मिले हैं ।

इधर सोनिया गाँधी , राहुल व प्रियंका से बैठक उधर प्रस्ताव पारित,, कैसे होगा

सचिन पायलट जब एक और राहुल गांधी प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी से मुलाकात कर रहे थे और यह मुलाकात 3 घंटे चली इस मुलाकात में राजस्थान में चल रहे सियासी संकट का हल निकालने का प्रयास चल रहा था तो दूसरी ओर जैसलमेर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई और और हाल ही में बने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष व शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा की मौजूदगी में गहलोत खेमे के सभी 100 विधायकों की बैठक हुई ।

जिसमें स्वायत्त शासन मंत्री शांतिलाल धारीवाल ने एक प्रस्ताव रखा कि सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों की कांग्रेसमें वापसी नहीं होनी चाहिए इस प्रस्ताव का सभी विधायकों ने समर्थन किया अब सवाल यह उठता है कि एक तरफ तो प्रस्ताव पारित करके सचिन पायलट और उनके खेमे के खेमे विधायकों को पार्टी में वापस नहीं लेने की बात चल रही है और वहीं दूसरी ओर उसी समय में कांग्रेश के तीनों आलाकमान सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों को घर वापसी के प्रयास कर रहे हैं ।

ऐसे में सोचने वाली बात यह है कि कैसे संभव होगा क्या अशोक गहलोत और उनके समर्थक विधायक सोनिया गांधी के आदेश पर अगर सचिन सच्ची और उनके समर्थक विधायक की की वापसी होती है तो क्या गहलोत गुड उनको अपना लेगा और अपना लेगा तो क्या मन की खटास और दूरियां खत्म हो जाएगी क्या राजस्थान में फिर सरकार अपना पूरा कार्यकाल पूरा कर पाएगी ।

ऐसे अनेक सवाल हैं जो अंश अंश उलझे हुए हैं और जनता के साथ साथ हर बुद्धिजीवी वर्ग के मन में उठ रहे हैं फिलहाल सोनिया गांधी ने सचिन पायलट और बाकी विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों को दूर करने के लिए 13 सदस्य कमेटी का गठन गठन किया है यह तीन सदस्य कमेटी पूरी तहकीकात करके विधानसभा सत्र से पहले अपना निर्णय सोनिया गांधी को देगी सूत्रों के अनुसार सचिन पायलट से मुलाकात से पूर्व राहुल गांधी और प्रियंका ने 1 घंटे तक विचार-विमर्श किया और उसके बाद सचिन पायलट के साथ 2 घंटे तक बातचीत की और फिर तीनों ने सोनिया गांधी से मुलाकात कर सारी बात बताई।

सूत्रों का तो यह भी कहना है कि सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल और रेणु गोपाल नहीं चाहते हैं कि सचिन पायलट और उनके खेमे के विधायकों की कांग्रेसमें वापसी हो लेकिन राजस्थान में गहरा ते राजनीतिक संकट और अल्पमत के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस सरकार को बचाने के लिए इस विकल्प के अलावा उनके पास और कोई विकल्प नजर नहीं आ रहा।

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चेतन ठठेरा ,94141-11350 पत्रकारिता- सन 1989 से दैनिक नवज्योति - 17 साल तक ब्यूरो चीफ ( भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़) , ई टी राजस्थान, मेवाड टाइम्स ( सम्पादक),, बाजार टाइम्स ( ब्यूरो चीफ), प्रवासी संदेश मुबंई( ब्यूरी चीफ भीलवाड़ा),चीफ एटिडर, नामदेव डाॅट काम एवं कई मैग्जीन तथा प समाचार पत्रो मे खबरे प्रकाशित होती है .चेतन ठठेरा,सी ई ओ, दैनिक रिपोर्टर्स.कॉम