जयपुर। राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर चल रहे सियासी घमासान का असर अब कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव पर भी पड़ रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए नामांकन 24 सितंबर से शुरू हुए थे और 30 सितंबर नामांकन के अंतिम तिथि है लेकिन अभी तक किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया है।
वहीं राजस्थान में हुए सियासी घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी सस्पेंस बना हुआ है कि वो राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे या नहीं या पार्टी आलाकमान की ओर से उन्हें राष्ट्र अध्यक्ष पद के चुनाव से बाहर कर दिया गया है, इस पर भी स्थिति साफ नहीं हो पाई।
हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के नामांकन के लिए अब केवल 4 दिन का समय बचा है। ऐसे में सियासी गलियारों में भी यही सवाल गूंज रहा है कि आखिर पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन बनेगा।
कांग्रेस में मचे सियासी घमासान से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे बताया जा रहा था लेकिन अब गहलोत गुट की बगावत के बाद पार्टी आलाकमान भी सीएम गहलोत से नाराज बताया जा रहा है। ऐसे में अब उनकी संभावनाएं राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए कम ही नजर आती हैं।
चर्चा यह भी है कि अशोक गहलोत के धुर विरोधी माने जाने वाले दिग्विजय सिंह अब राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ सकते हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे से जुड़े नेताओं ने अशोक गहलोत के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव लड़ने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है।
राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर बुधवार तक तस्वीर साफ होगी कि आखिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए किन-किन नेताओं को पार्टी आलाकमान की ओर से अध्यक्ष का चुनाव लड़ने की हरी झंडी मिलती है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर पहले ही साफ कर चुके हैं कि वो 30 सितंबर को नामांकन दाखिल करेंगे। ऐसे में अब उनके सामने दूसरे प्रत्याशी के तौर पर किसका नाम सामने आता है, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।