जयपुर। भाजपा में प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए मचे घमासान के बीच हाल ही राज पा छोड़कर भाजपा में आए वरिष्ठ नेता किरोड़ी लाल मीणा का नाम आगे आया है। मीणा के नाम पर मुख्यमंत्री खेलना भी सहमत बताया जा रहा है। हालांकि अब प्रदेश अध्यक्ष का फैसला कर्नाटक चुनाव के नतीजे आने के बाद ही हो पाएगा परंतु मुख्यमंत्री समर्थक और विरोधी दोनों ही गुट अपने लोगों को आगे बढ़ाने में जुट गए हैं।
मालूम हो कि किरोड़ी लाल मीणा की मुख्यमंत्री से एनिमल के कारण ही वे भाजपा छोड़ कर गए थे। करीब दस वर्ष के वनवास के बाद उनकी हाल ही में भाजपा में वापसी हुई है। किरोड़ी लाल मीणा को भाजपा में आते ही राज्यसभा सदस्य बनाकर भेज दिया गया है उनकी घर वापसी पर मुख्यमंत्री वसुंधरा ने भी उन्हें अपना भाई बताया था। इसके अलावा मीणा वसुंधरा से नाराज चल रहे नेताओं की पसंद भी बताए जा रहे हैं।
इधर कांग्रेस में जहां सचिन पायलट गुर्जर समाज से आते हैं और गुर्जर भाजपा का परंपरागत वोट बैंक रहा है। वही मीणा वोट कांग्रेस के पक्ष में रहे हैं ऐसे में राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मीणा को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पार्टी को मीणा समाज का पूरा समर्थन मिल जाएगा। हालांकि किरोड़ी लाल मीणा के नाम पर आलाकमान पहले ही विचार कर उन्हें नकार चुका है किंतु गजेंद्र सिंह शेखावत के विरोध को देखते हुए अब एक बार फिर नए सिरे से नेताओं के नामों पर विचार हो रहा है। इसके अलावा मीणा को लेकर कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि अब तक पार्टी से असंतुष्ट चल रहे नेता भी मीणा के नेतृत्व में साथ चलने को तैयार हो जाएंगे हालांकि मुख्यमंत्री राजस्थान में किसी भी नेता का कद अपने बराबर नहीं होने देगी पर माना जा रहा है की इतने विवाद के बाद अब आलाकमान के निर्णय को टालना मुख्यमंत्री के लिए भी सही नहीं होगा।
राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए उपयुक्त नाम की जिम्मेदारी राष्ट्रीय संगठन महामंत्री रामलाल को सौंपी है।
ऐसे में रामलाल प्रदेश के नेताओं से संपर्क बनाए हुए हैं और आर एस एस को भी नया नाम सजाने के लिए कहा गया है। हाल ही में अजमेर आई केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन ने यह कहकर सभी चर्चाओं को विराम दे दिया है कि अब प्रदेश अध्यक्ष का फैसला कर्नाटक चुनाव के बाद ही होगा।
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