जयपुर
पीएम नरेन्द्र मोदी की टीम की तस्वीर सामने आने के बाद राजनीतिक हलकों में एनडीए के घटक दल राष्टï्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के हनुमान बेनीवाल को शामिल नहीं किए जाने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
शपथ ग्रहण समारोह में बेनीवाल के भाग नहीं लेने को भी उनकी नाराजगी से जोडकर देखा जा रहा है। सियासी गलियारों में कयास है कि बेनीवाल उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज है। हालांकि बेनीवाल ने इन सभी कयासों का खंडन करते हुए कहा है कि वे निजी कार्य के कारण शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले ही वापस जयपुर लौट आए थे। उन्होंने मंत्री नहीं बनाए जाने पर किसी प्रकार की नाराजगी से भी इनकार किया है।
शपथ ग्रहण कार्यक्रम में शामिल नहीं होने और उसके बाद बेनीवाल के फेसबुक पेज पर आई एक पोस्ट के बाद उनकी नाराजगी चर्चाओं का विषय बनी रही। शुक्रवार को भी भाजपा कार्यालय में भी इसी विषय पर चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
बता दें कि रालोपा के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने एनडीए के घटक दल के रूप में नागौर से चुनाव लडा और जीत दर्ज की। इसके बाद उम्मीद थी कि एनडीए का घटक दल होने के कारण उन्हें मंत्री बनाया जाएगा। इसके लिए वे गुरूवार को दिल्ली में ही थे तथा सुबह पीएम मोदी के साथ दिखाई भी दिए थे लेकिन शपथ ग्रहण समारोह शुरू होने से पहले ही वे वापस जयपुर लौट आए। उनके वापस लौटने के बाद उनकी नाराजगी को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई। शाम को बेनीवाल की फेसबुक पोस्ट ‘जिनके वजूद होते हैं वे बिना पद के भी मजबूत होते हैंÓ आने के बाद तो कयास तेज हो गई कि बेनीवाल नाराज है।
इस बारे में जब बेनीवाल से बात की गई तो उन्होंने बताया कि रालोपा एनडीए का घटक दल है और रहेगा। नाराजगी जैसी कोई बात नहीं है, मंत्रीपद मिलना और नहीं मिलना से क्या होता है, मंत्री से बडा तो सांसद होता है। हम मोदी के साथ है।